पटना/मधुबनी:
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बीच प्रदेश की चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने राजनीति में कदम रखने के संकेत दिए हैं। मंगलवार को अपने गृह क्षेत्र बेनीपट्टी (मधुबनी) में आयोजित नर्मदा महोत्सव के दौरान उन्होंने कहा कि अगर उन्हें राजनीति में आने का अवसर मिलता है, तो वे अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत अपने गांव से करना चाहेंगी।

मैथिली ने कहा,

> “अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अगर शुरुआत अपने गांव से हो तो मुझे लोगों से मिलने-जुलने और सीखने का मौका मिलेगा। अपने क्षेत्र से मेरा विशेष लगाव है।”

भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद बढ़ीं अटकलें:
हाल ही में मैथिली ठाकुर ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं — राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार प्रभारी विनोद तावडे और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी। इसी के बाद से उनके भाजपा टिकट पर बेनीपट्टी से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज़ हो गई हैं।

गौरतलब है कि वर्तमान में बेनीपट्टी विधानसभा सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद नारायण झा के पास है, जिन्होंने 2020 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भावना झा को 30 हज़ार से अधिक मतों से हराया था।

मैथिली ठाकुर — संगीत से समाज सेवा तक का सफर:
25 वर्षीय मैथिली ठाकुर बिहार के मधुबनी जिले की बेटी हैं। उनके पिता रमेश ठाकुर संगीत शिक्षक हैं और माता भारती ठाकुर भी संगीत से जुड़ी हैं। मैथिली ने 11 वर्ष की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखा और अब वह देशभर में मैथिली लोकसंगीत की पहचान बन चुकी हैं।

उन्होंने कहा,

> “देश के विकास में योगदान देने की भावना से मैं हरसंभव काम करना चाहती हूं। तावड़े जी और राय जी से बिहार के भविष्य को लेकर कई अहम बातें हुईं।”

बिहार चुनाव में नया चेहरा?
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। ऐसे में अगर मैथिली ठाकुर मैदान में उतरती हैं, तो यह भाजपा के लिए एक युवा और सांस्कृतिक रूप से जुड़ा चेहरा साबित हो सकता है।

उनकी लोकप्रियता, साफ छवि और क्षेत्रीय जुड़ाव उन्हें राजनीति में एक नई उम्मीद और प्रभावशाली उम्मीदवार के रूप में उभार सकते हैं।

 

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