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बिहार में महिलाओं पर लगातार बढ़ रहे अत्याचारों और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ जनसुराज पार्टी ने सोमवार की शाम भागलपुर शहर में जोरदार विरोध दर्ज किया। पार्टी की ओर से घंटाघर चौक से कचहरी चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च महिलाओं की सुरक्षा, न्याय और सम्मान को लेकर आयोजित किया गया था।

शहर के व्यस्त इलाके घंटाघर चौक से शुरू हुए इस कैंडल मार्च में पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता, महिला नेत्रियां, युवा एवं बुजुर्ग शामिल हुए। सभी के हाथों में मोमबत्तियां थीं और वे ‘महिलाओं को न्याय दो’, ‘बलात्कारियों को फांसी दो’, ‘सरकार जवाब दो’ जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

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जनसुराज पार्टी की महिला नेत्री सोनी देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में महिलाओं की सुरक्षा अब एक बड़ा सवाल बन चुकी है। उन्होंने कहा, “मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुई अमानवीय घटना और नवगछिया के रंगरा में युवती के साथ की गई दरिंदगी ने यह साबित कर दिया है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लेकिन, दुख की बात यह है कि सरकार इन मामलों में गंभीरता से कोई संज्ञान नहीं ले रही है।”

उन्होंने कहा कि इस कैंडल मार्च का उद्देश्य केवल विरोध दर्ज कराना नहीं है, बल्कि यह सरकार को जगाने की एक कोशिश है। “हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके प्रशासन को यह एहसास हो कि बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” सोनी देवी ने कहा।

कैंडल मार्च के दौरान महिलाओं की भारी भागीदारी देखने को मिली। कई युवतियां अपने हाथों में पोस्टर लेकर चल रही थीं, जिन पर लिखा था – “चुप्पी अब और नहीं”, “बेटी हूं, कमजोर नहीं”, “बलात्कारी को सजा दो, बेटी को न्याय दो”। मार्च में शामिल लोगों का गुस्सा और पीड़ा साफ नजर आ रही थी।

मार्च के अंत में कचहरी चौक पर जनसुराज पार्टी के नेताओं ने एक संक्षिप्त सभा का आयोजन किया, जिसमें पार्टी के जिला अध्यक्ष, युवा मोर्चा प्रमुख, महिला इकाई की सदस्याएं और कई सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। वक्ताओं ने अपने भाषणों में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और सवाल किया कि आख़िर सरकार कब तक चुप्पी साधे रखेगी।

पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव ने कहा कि बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस-प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा, “आज अगर कोई गरीब की बेटी या किसी किसान की बहन के साथ जघन्य अपराध होता है, तो मीडिया में सुर्खियों से ज्यादा कुछ नहीं होता। अपराधी खुलेआम घूमते हैं, क्योंकि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता है।”

सभा में एक समाजसेवी सुमन मिश्रा ने भी अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, “हमने बिहार को अपनी मां समझा है, लेकिन जब इसकी बेटियों पर जुल्म होता है और सरकार चुप रहती है, तो वह मां लाचार नजर आती है। ऐसे में जनता को ही अब आगे आना होगा।”

सभा के बाद कैंडल मार्च शांतिपूर्वक समाप्त हुआ। लेकिन इस मार्च ने प्रशासन और सत्ताधारी नेताओं को एक साफ संदेश दे दिया – अगर सरकार अब भी नहीं जागी, तो जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।

इस मार्च की एक खास बात यह भी रही कि इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों और कॉलेज छात्राओं ने भी भाग लिया। कई छात्राएं तो खुद पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए फूट-फूटकर रोती नजर आईं।

कैंडल मार्च में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। हालांकि मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं देखी गई।

बिहार में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध चिंता का विषय बन चुके हैं। हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर और नवगछिया रंगरा की घटनाओं ने यह सवाल उठाया है कि महिलाओं की सुरक्षा के तमाम दावे कितने खोखले हैं। सरकार चाहे जितने कानून बना ले, लेकिन जब तक उन्हें सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक हालात नहीं सुधरने वाले।

जनसुराज पार्टी के इस कैंडल मार्च ने न केवल सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि आम जनता को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बेटियों की सुरक्षा अब सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी है।

अंत में, सोनी देवी ने चेतावनी दी कि अगर आने वाले दिनों में इन मामलों में ठोस कार्रवाई नहीं हुई और दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिली, तो जनसुराज पार्टी पूरे बिहार में आंदोलन तेज करेगी। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई केवल दो मामलों की नहीं है, बल्कि बिहार की हर बेटी के सम्मान की है।”

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By admin

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