सड़क




भागलपुर जिले के जगदीशपुर बाजार में पिछले दस दिनों से पानी की आपूर्ति बंद होने से लोगों में भारी आक्रोश है। पानी की इस गंभीर किल्लत ने स्थानीय महिलाओं को इतना नाराज कर दिया कि शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अस्पताल चौक पर स्थित पानी टंकी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पानी टंकी की मोटर खराब होने के चलते जलापूर्ति पूरी तरह ठप है, जिससे बाजार और आस-पास के गांवों के सैकड़ों परिवारों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

गर्मी के इस भीषण मौसम में पानी की बूँद-बूँद को तरस रही महिलाओं का गुस्सा इस कदर भड़का कि उन्होंने भागलपुर-दुमका मुख्य सड़क को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पानी टंकी के कमरे का ताला तोड़ डाला और उसके अंदर रखे पाइप को निकाल कर सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान एक घंटे तक सड़क जाम रहा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यातायात पूरी तरह बाधित हो गया और लोग गर्मी में परेशान होते रहे।

घटना की जानकारी मिलते ही जगदीशपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुँची और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। पुलिस के समझाने-बुझाने के बावजूद महिलाएं टस से मस नहीं हुईं। उनका कहना था कि जब तक ठोस समाधान नहीं होता, तब तक वे पीछे हटने वाली नहीं हैं। इसके बाद बीडीओ रघुनंदन आनंद मौके पर पहुंचे और उन्होंने पीएचडी विभाग के सहायक अभियंता से बात कर जल्द से जल्द पानी आपूर्ति बहाल कराने का भरोसा दिलाया। बीडीओ के आश्वासन के बाद महिलाओं ने जाम हटाया और स्थिति सामान्य हो सकी।

प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि यह पानी टंकी पूरे बाजार और आस-पास के गांवों के लिए एकमात्र जल स्रोत है। लेकिन पिछले दस दिनों से एक बूँद पानी भी नहीं मिल रहा है। जब भी पंप संचालक या विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) से बात की जाती है, तो कभी मोटर खराब होने की बात कही जाती है, तो कभी कोई अन्य बहाना बना दिया जाता है। महिलाओं का आरोप है कि यह कोई पहली बार नहीं है। टंकी का संचालन कर रहे लोग अक्सर मनमानी करते हैं और नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं करते। जब भी शिकायत की जाती है, तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है।

एक महिला प्रदर्शनकारी ने बताया, “हम लोग रोज़ाना सुबह-शाम पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं। दस दिन हो गए, पानी नहीं मिल रहा है। मोटर खराब है, यह बात कब तक सुनी जाएगी? हम छोटे बच्चों, बुजुर्गों और परिवार के साथ कैसे गुज़ारा करें? गर्मी में बिना पानी के रहना किसी सजा से कम नहीं है।”

स्थानीय निवासी और दुकानदारों ने भी इस स्थिति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पानी की किल्लत से बाजार का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। कई दुकानदारों को पीने के पानी के लिए बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है, जिससे अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है।

इस पूरी स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएचडी विभाग के जेई ने बताया कि मोटर खराब हो गई थी, लेकिन अब उसे बदलने का काम किया जा रहा है। जल्द ही पानी की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी जाएगी। वहीं, बीडीओ रघुनंदन आनंद ने कहा कि सहायक अभियंता से बात कर पानी सप्लाई की व्यवस्था तुरंत करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की और आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की परेशानी न हो, इसके लिए स्थायी समाधान तलाशा जाएगा।

हालांकि, प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पानी की आपूर्ति नहीं बहाल हुई और टंकी संचालन में पारदर्शिता नहीं आई, तो वे फिर से सड़क पर उतरेंगी और बड़ा आंदोलन करेंगी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पंप संचालक और जेई की कार्यप्रणाली की जांच होनी चाहिए और उन्हें जवाबदेह बनाया जाए।

भागलपुर जिले के इस इलाके में पानी संकट की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या बुनियादी सुविधाएं अब भी लोगों को समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा सकतीं? खासकर ऐसे समय में जब गर्मी चरम पर है और जल संकट आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है, तब विभागीय लापरवाही और अनियमितता जनता के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं।

स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस समस्या का दीर्घकालीन समाधान खोजे, जिससे भविष्य में फिर से लोगों को इस तरह सड़कों पर उतरने की नौबत न आए। पानी जैसी मूलभूत जरूरत को लेकर जनता को बार-बार संघर्ष करना पड़े, यह किसी भी क्षेत्र के विकास और सुशासन पर सवाल उठाता है।

By admin

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