बिहार सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ी योजना की शुरुआत की गई है। इसी कड़ी में जीविका समूह से जुड़ी हजारों महिलाओं के बैंक खातों में स्वरोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की राशि भेजी गई है।
सरकार की इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। बताया गया है कि भविष्य में जो महिलाएं इस राशि से अपना रोजगार शुरू करेंगी, उन्हें सरकार की ओर से अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में दो लाख रुपये तक दिए जाएंगे।
बैंक में उमड़ी महिलाओं की भीड़:
इस योजना के तहत पैसे आने की जानकारी मिलते ही भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड के अमडंडा थाना क्षेत्र स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा, छटपटिया शाखा में शुक्रवार को सुबह से ही महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सैकड़ों महिलाएं बैंक में पैसा निकालने पहुंचीं, जिससे बैंक परिसर में अफरा-तफरी जैसी स्थिति बन गई।
कई महिलाएं सुबह से लाइन में लगी रहीं। एक महिला खाताधारक ने बताया —
> “सरकार ने जो 10,000 रुपये भेजे हैं, उसे निकालने आई हूँ। लेकिन मेरा खाता लॉक हो गया है। पिछले तीन-चार दिन से बैंक का चक्कर लगा रही हूँ।”
दूसरी महिला ने बताया कि बैंककर्मियों ने उन्हें बताया है कि केवाईसी (KYC) अपडेट करने के बाद ही वे पैसा निकाल पाएंगी।
बैंकिंग प्रक्रिया बनी चुनौती:
महिलाओं के चेहरे पर खुशी तो झलक रही थी, लेकिन साथ ही बैंकिंग प्रक्रिया की जटिलताओं ने उनकी परेशानी बढ़ा दी। कई खातों में केवाईसी अपडेट न होने के कारण पैसे फंसे हुए हैं।
बैंक मैनेजर ने बताया कि बड़ी संख्या में महिलाएं पैसे निकालने आई हैं। उन्होंने कहा —
> “कई महिलाओं के खातों में केवाईसी अपडेट नहीं है। जब तक उनका सत्यापन पूरा नहीं होगा, पैसा नहीं निकलेगा। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि महिलाओं को जल्द से जल्द सुविधा मिले।”
सरकार की पहल पर महिलाओं में उत्साह:
परेशानियों के बावजूद महिलाओं में सरकारी पहल को लेकर उत्साह देखने को मिला। कई महिलाओं ने कहा कि यह पैसा उन्हें छोटे व्यापार, पशुपालन और घरेलू व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगा।
एक अन्य महिला ने कहा —
> “पहली बार सरकार ने सीधे हमारे खाते में पैसा भेजा है। अब हम भी कुछ काम शुरू कर सकते हैं।”
जीविका योजना से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम:
जीविका योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को समूह में संगठित कर लोन, प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे अपने व्यवसाय शुरू कर सकें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक स्थिति दोनों में सुधार होगा।
निष्कर्ष:
हालांकि बैंकिंग प्रक्रिया में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन सरकार की इस पहल से महिलाओं के चेहरों पर उम्मीद की नई रोशनी दिख रही है। अगर बैंकिंग प्रणाली में सुधार के साथ इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन होता है, तो यह बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
