पटना/दिल्ली – गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल एक बार फिर अपने बेबाक बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। दिल्ली में एक निजी समाचार चैनल को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पुत्र निशांत कुमार को लेकर कई बड़े बयान दिए। उनके इन बयानों ने बिहार की सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।

“लालू यादव ने बाबा साहब का अपमान नहीं किया”
गोपाल मंडल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर से जुड़ी वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए लालू यादव का बचाव किया। उन्होंने कहा, “लालू यादव ने कभी भी बाबा साहब का अपमान नहीं किया। वो तस्वीर के सामने बैठे थे क्योंकि उनकी उम्र बढ़ चुकी है, और वे उस स्थिति में बैठ गए थे। इसका गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।”
उन्होंने लालू यादव को पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग का मसीहा करार दिया। मंडल ने कहा कि लालू यादव की नीतियों ने समाज के उस तबके को मजबूत किया जिसे लंबे समय तक राजनीतिक हाशिए पर रखा गया था।
“चारा घोटाले के लिए लालू जिम्मेदार नहीं”
चारा घोटाले को लेकर गोपाल मंडल ने विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, “लालू यादव ने खुद घोटाला नहीं किया। उनके लोगों ने उनसे घोटाला करवा लिया। उस समय वो सब कुछ पढ़े बिना साइन कर देते थे। यह उनकी गलती थी, लेकिन नीयत में खोट नहीं थी।”
उनके इस बयान को लेकर जहां लालू समर्थक खुश हैं, वहीं विरोधी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश बताया है।
“नीतीश के बाद अगर निशांत नहीं आए तो टूट जाएगी पार्टी”
गोपाल मंडल ने जेडीयू के भविष्य को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अगर उनके पुत्र निशांत कुमार को पार्टी की कमान नहीं दी गई, तो जदयू के विधायक अलग-अलग दलों में चले जाएंगे। कुछ भाजपा में जाएंगे, कुछ आरजेडी में। मैं भी चला जाऊंगा।”
यह बयान पार्टी के अंदर नेतृत्व संकट की ओर इशारा करता है। हालांकि निशांत कुमार अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे हैं, लेकिन उनके नाम पर चल रही चर्चा को अब मंडल के बयान ने और हवा दे दी है।
“तेजस्वी यादव नौवीं पास हैं लेकिन अच्छा बोलते हैं”
राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए मंडल ने कहा, “तेजस्वी यादव सिर्फ नौवीं पास हैं, फिर भी बहुत अच्छा बोलते हैं। उन्होंने अपने पिता से बहुत कुछ सीखा है और वे जनता से जुड़ना जानते हैं।”
यह पहली बार नहीं है जब गोपाल मंडल ने विपक्ष के नेता की खुलकर प्रशंसा की हो। पहले भी वे कई बार तेजस्वी के नेतृत्व क्षमता की तारीफ कर चुके हैं।
जदयू नेतृत्व पर सवालिया निशान
गोपाल मंडल के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चिंताएं मौजूद हैं। मंडल खुद वरिष्ठ नेता हैं और नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। लेकिन जिस खुले तरीके से उन्होंने भविष्य की राजनीतिक स्थितियों का अंदाजा लगाया, उससे पार्टी की आंतरिक स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोपाल मंडल का यह बयान जहां एक ओर लालू यादव की छवि को सुधारने की कोशिश करता है, वहीं दूसरी ओर यह संकेत देता है कि जदयू में नेतृत्व संकट का डर अब सतह पर आ चुका है। अगर समय रहते इस दिशा में स्पष्टता नहीं आई, तो जदयू को बड़ी टूट का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
गोपाल मंडल का यह बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि बिहार की राजनीति में संभावित बदलावों की झलक देता है। लालू यादव को निर्दोष बताना, निशांत कुमार के नेतृत्व की वकालत करना और पार्टी के टूटने की चेतावनी देना – ये सभी बातें आने वाले समय में बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं। अब देखना होगा कि जदयू और अन्य दल इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह बिहार की सियासत में कोई नया मोड़ लाता है।
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