राजधानी पटना में शनिवार को कृषि जगत के दो महत्वपूर्ण आयोजन आयोजित हुए, जो राज्य के किसानों और कृषि विशेषज्ञों के लिए बेहद अहम रहे। बापू सभागार में राज्यस्तरीय वासंतिक (रबी) कार्यशाला सह किसान सलाहकारों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम हुआ, जबकि ज्ञान भवन में उद्यान निदेशालय के तत्वावधान में दो दिवसीय मखाना महोत्सव 2025 की शुरुआत धूमधाम के साथ हुई। दोनों कार्यक्रमों का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया।
मखाना किसानों के लिए नए युग की शुरुआत:
मखाना महोत्सव के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार की धरती अद्भुत है और यहां का मखाना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन कर दिया है, जिसका उद्देश्य मखाना को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सम्मानजनक पहचान दिलाना है। इसके माध्यम से उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को बीज उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण और विपणन तक हर चरण में सहायता दी जाएगी। भविष्य में मखाना के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार संबंधी विशेषज्ञता प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि खेत से लेकर बाजार तक सरकार किसानों के साथ है और निर्यात को बढ़ावा देने, उत्पादन लागत घटाने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
मखाना उद्योग को मिली बड़ी सौगात:
महोत्सव के दौरान मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मखाना उद्यमियों को प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए ऋण के सांकेतिक चेक प्रदान किए गए। इसके अलावा, 90 से अधिक किसानों को उत्पादन सहयोग हेतु 2 करोड़ 33 लाख 48 हजार रुपये का अनुदान भी दिया गया।
उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मखाना केवल एक फसल नहीं है, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और किसानों की समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से गुणवत्ता और वैश्विक मानक पर आधारित मखाना तैयार किया जाएगा, ताकि बिहार का मखाना दुनिया की थाली में अपनी विशेष पहचान बनाए।
किसान सलाहकारों का सशक्तिकरण:
राज्यस्तरीय वासंतिक (रबी) कार्यशाला में लगभग 4000 किसान सलाहकार शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान सलाहकार कृषि योजनाओं की रीढ़ हैं और पंचायत स्तर पर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में उनकी भूमिका अहम है। सरकार ने किसान सलाहकारों के मानदेय में 8,000 रुपये की वृद्धि की है। अब उन्हें 13,000 रुपये की जगह 21,000 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। यह निर्णय किसान सलाहकारों के सम्मान और प्रोत्साहन का प्रतीक है।
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसान सलाहकार राज्य की कृषि प्रणाली को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वे किसानों और विभाग के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। उनकी मेहनत से आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार तेजी से हो रहा है। सरकार किसान सलाहकारों की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। भविष्य में प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी भूमिका और सशक्त होगी। किसान सलाहकारों के परामर्श से राज्य की कृषि को नई दिशा मिलेगी और किसानों की आय नई ऊंचाई तक पहुंचेगी।
सारांश:
पटना में आयोजित यह दो दिवसीय कृषि कार्यक्रम बिहार के किसानों और कृषि विशेषज्ञों के लिए ऐतिहासिक साबित होगा। मखाना महोत्सव 2025 और राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला के माध्यम से किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और आधुनिक कृषि प्रथाओं की जानकारी दी गई। साथ ही किसान सलाहकारों को सशक्त बनाने के कदम उठाए गए, जो राज्य की कृषि प्रणाली को मजबूती देंगे। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दोनों कार्यक्रमों में किसानों और सलाहकारों के योगदान की सराहना की और उन्हें अधिक समृद्ध और सक्षम बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों का आश्वासन दिया।
