*”घर घर रोजगार, हर घर खुशहाल: सहायक रोजगार इंडिया ने भागलपुर की 20 पंचायतों में शुरू किए रोजगार केंद्र”*
भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है बेरोजगारी। लाखों युवाओं के पास डिग्री तो है लेकिन काम नहीं। ऐसे में सहायक रोजगार इंडिया ने इस गंभीर मुद्दे से लड़ने का बीड़ा उठाया है। यह संस्था न केवल लोगों को नौकरी से जोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि स्वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही है ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें।

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, *सहायक रोजगार इंडिया* एक ऐसी संस्था है जो रोजगार में सहायता करने का कार्य कर रही है। इस संस्था के संस्थापक *सुनील कुमार* का सपना है कि भारत के हर कोने में रोजगार की सुविधा हो और हर घर में कम से कम एक व्यक्ति ऐसा हो जो आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार को आर्थिक रूप से संभाल सके। उनका नारा है – “घर-घर रोजगार, हर घर खुशहाल”।
इस उद्देश्य को लेकर संस्था ने *हर ग्राम पंचायत में एक रोजगार केंद्र स्थापित करने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में **8 जून 2025* को *बिहार के भागलपुर जिले की 20 पंचायतों में रोजगार केंद्र की स्थापना* की गई। यह पहल न केवल स्थानीय बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है, बल्कि ग्राम स्तर पर विकास की एक नई शुरुआत भी है।
इन रोजगार केंद्रों के बारे में *सहायक रोजगार इंडिया के जनरल मैनेजर अनिल कुमार* ने बताया कि,
> “रोजगार केंद्र एक ऐसा स्थान है, जहां पंचायत स्तर के एक-एक युवक या युवती को संस्था द्वारा विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। फिर वही व्यक्ति पंचायत के अन्य युवाओं को रोजगार से जोड़ने, स्वरोजगार की जानकारी देने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का कार्य करते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि इन रोजगार केंद्रों का एक और प्रमुख कार्य है *सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना*। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर लोग जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते। रोजगार केंद्र ग्रामीणों को न केवल जानकारी देते हैं, बल्कि उन्हें उचित दिशा में मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।
एक और खास बात यह है कि संस्था *ऐसे लोगों की भी खास पहचान करती है जिन्हें तुरंत नौकरी की जरूरत होती है*। उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाती है और उनकी प्रोफाइल के अनुसार उपयुक्त नौकरी दिलाने में मदद की जाती है। संस्था ऐसे लोगों के करियर की पूरी निगरानी भी करती है ताकि उनकी नौकरी लंबे समय तक बनी रहे।
*भागलपुर में इस पहल की सराहना करते हुए, जीवन जागृति सोसायटी जैसी सामाजिक संस्था भी आगे आई है। उन्होंने सहायक रोजगार इंडिया के साथ साझेदारी कर इस अभियान को और प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। अब **सहायक रोजगार केंद्र और जीवन जागृति सोसायटी मिलकर भागलपुर में रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने का कार्य करेंगी*।
इस प्रकार की पहल भारत जैसे विशाल देश में एक नई क्रांति की शुरुआत है। जब पंचायत स्तर से रोजगार की व्यवस्था की जाएगी, तो न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक मजबूती आएगी बल्कि शहरों की ओर पलायन भी कम होगा।
*सहायक रोजगार इंडिया का मॉडल “लोकल समाधान, ग्लोबल प्रभाव” पर आधारित है*। यह संस्था यह दिखा रही है कि अगर ईमानदारी, निष्ठा और स्पष्ट लक्ष्य के साथ काम किया जाए तो भारत को बेरोजगारी जैसे कोढ़ से मुक्त किया जा सकता है।
### *निष्कर्ष*
सहायक रोजगार इंडिया की यह पहल न केवल भागलपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकती है। जब हर पंचायत में रोजगार केंद्र होंगे, तो भारत के करोड़ों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना जल्द ही हकीकत में बदलेगा। सुनील कुमार और उनकी टीम को इस प्रयास के लिए सलाम, जो न केवल बेरोजगारी से लड़ रहे हैं, बल्कि एक खुशहाल भारत की नींव रख रहे हैं।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

