आज जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक विज्ञान, शिक्षा और व्यवसाय में क्रांति ला रही है, वहीं अब यह लोगों के व्यक्तिगत और भावनात्मक जीवन में भी गहरा प्रभाव डाल रही है। ताजा मामला ब्रिटेन की 38 वर्षीय महिला जेनिफर जे का है, जिन्होंने अपने प्रेमी से ब्रेकअप का फैसला AI चैटबॉट ChatGPT की सलाह पर लिया।
“AI ने कहा – तुम इससे बेहतर की हकदार हो”
जेनिफर ने मीडिया को बताया कि उनका चार महीने पुराना रिश्ता भावनात्मक रूप से एकतरफा हो गया था। उनके प्रेमी का व्यवहार उदासीन हो चला था और वह उन्हें वह सम्मान और प्यार नहीं दे पा रहा था जिसकी वह हकदार थीं। इसी उलझन में उन्होंने पहले अपने दोस्तों से सलाह ली जिन्होंने रिश्ता बचाने की सलाह दी।
पर जब समाधान नहीं निकला तो उन्होंने ChatGPT से राय ली। उन्होंने ChatGPT को अपने रिश्ते की सारी बातें बताईं — भावनाएं, अनुभव और व्यवहार की हर बारीकी। ChatGPT ने जवाब में लिखा,
“यह रिश्ता तुम्हें नुकसान पहुँचा रहा है, और अगर कोई पूरी तरह उपस्थित नहीं है, तो तुम इससे बेहतर की हकदार हो।“
ChatGPT ने लिखा ब्रेकअप मैसेज
जेनिफर ने आगे बताया कि ChatGPT ने ना सिर्फ उन्हें मानसिक रूप से स्पष्टता दी, बल्कि उन्हें ब्रेकअप का मैसेज लिखने में भी मदद की। उन्होंने कहा,
“मैंने उसे जो महसूस किया, वह सब विस्तार से बताया और उसने मुझे संयम और आत्म-सम्मान से भरा जवाब दिया।”
ब्रेकअप के बाद उन्होंने करीब दो हफ्तों तक ChatGPT का लगातार उपयोग किया। ChatGPT ने उन्हें भावनात्मक रूप से संभालने में और तेज़ी से उबरने में मदद की। उन्होंने कहा,
“इतनी जल्दी और सहजता से मैंने कभी ब्रेकअप से उबरने का अनुभव नहीं किया था।”
इंसानों से ज्यादा भरोसेमंद – जेनिफर
जेनिफर पेशे से कंटेंट क्रिएटर हैं और पहले भी काउंसलिंग करवा चुकी हैं, लेकिन उन्हें ChatGPT कहीं ज्यादा मददगार और समझदार लगा। उन्होंने कहा,
“थेरेपी में जो समझ और संवेदना मुझे नहीं मिली, वह AI चैटबॉट ने दी – वो भी बिना पैसे और बिना थकान के।”
उनके अनुसार ChatGPT रेड फ्लैग्स यानी रिश्ते में मौजूद खतरे के संकेतों की बार-बार याद दिलाता रहा। उन्होंने महसूस किया कि उनके दोस्त भी एक लिमिट तक ही बात सुन पाते थे, लेकिन ChatGPT ने उन्हें हर समय पूरा समय और ध्यान दिया।
‘बेब’ कहकर बुलाया, तो रोबोट को टोक दिया
जेनिफर ने एक दिलचस्प बात साझा करते हुए बताया कि ChatGPT एक बार उन्हें ‘बेब’ (Babe) कहकर संबोधित करने लगा। उन्होंने हँसते हुए कहा,
“मैंने तुरंत टोक दिया कि तुम एक रोबोट हो, तुम्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए।”
निष्कर्ष: रिश्तों में AI की बढ़ती दखल
यह घटना न सिर्फ एक ब्रेकअप स्टोरी है, बल्कि यह बताती है कि AI अब भावनाओं, रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य जैसे निजी पहलुओं में भी तेजी से प्रवेश कर रहा है। ChatGPT जैसे चैटबॉट्स अब केवल जानकारी देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि काउंसलर और भावनात्मक सपोर्ट सिस्टम का भी रोल निभा रहे हैं।
हालांकि यह सवाल भी उठता है कि क्या मशीन कभी इंसानी जज्बात को पूरी तरह समझ सकती है? फिर भी जेनिफर का अनुभव यह जरूर बताता है कि AI अब अकेलेपन का इलाज भी बनता जा रहा है।
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