नवगछिया प्रखंड के ट्राइसम भवन सभागार में मंगलवार को आयोजित बीस सूत्री कार्यक्रम की बैठक हंगामे के बीच सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता बीस सूत्री अध्यक्ष मुरारी कुमार मंडल ने की, जबकि संचालन का कार्य सचिव सह बीडीओ गोपाल कृष्णन ने संभाला। बैठक में मात्र चार पदाधिकारी प्रतिनिधियों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिस पर सभी सदस्यों ने गहरी नाराजगी जताई।
अध्यक्ष मुरारी कुमार मंडल और उपाध्यक्ष धीरज कुमार सिंह ने कहा कि जब पदाधिकारी ही बैठक में शामिल नहीं होंगे, तो जनसमस्याओं पर चर्चा और समाधान कैसे संभव होगा। उपस्थित सभी सदस्यों ने अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया।
बैठक में सदस्यों ने क्षेत्र की कई ज्वलंत समस्याओं को उठाया। सदस्य अजीत कुमार पटेल ने नप क्षेत्र के मनिया मोड़ वार्ड निवासी का जाति प्रमाण पत्र सीओ स्तर से निर्गत न करने का मामला उठाया। उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही पर चिंता जताते हुए इसे गंभीर विषय बताया।
कुमार मिलन सागर ने नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ की स्थायी प्रतिनियुक्ति की मांग की। उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज के लिए भागलपुर की दौड़ लगाने पर मजबूर होना पड़ता है, जबकि स्थानीय स्तर पर यह सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है।
शाहिद रजा ने उर्दू प्राथमिक विद्यालय उझानी में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
सदस्य ज्ञानशक सिंह कुशवाहा ने श्रीपुर पंचायत के वार्ड संख्या एक, दो और तीन के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग रखी। उन्होंने कहा कि बिना पर्याप्त शिक्षक नियुक्ति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना संभव नहीं है।
उपाध्यक्ष धीरज कुमार सिंह ने अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और बिचौलियों की सक्रियता का मुद्दा उठाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आम लोगों को काम कराने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु उन्होंने राजस्व पाठशाला का गठन कर सीओ और बीस सूत्री सदस्यों के साथ संयुक्त बैठक बुलाने की मांग की।
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने अधिकारियों की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी की आलोचना करते हुए कहा कि यदि आने वाले दिनों में भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलनात्मक कदम उठाने पर वे मजबूर होंगे।
इस प्रकार, बैठक भले ही हंगामे के बीच सम्पन्न हुई, लेकिन सदस्यों ने साफ संदेश दिया कि जनसमस्याओं के समाधान के लिए वे लगातार आवाज उठाते रहेंगे।
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