भागलपुर। आगामी निर्वाचन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के उद्देश्य से भागलपुर के समीक्षा भवन में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी **विनोद सिंह गुंजियाल** ने की। बैठक में **उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह**, **निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता** समेत कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी और जिले भर से आए **बूथ लेवल ऑफिसर (BLO)** उपस्थित थे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुंजियाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचन एक संवेदनशील और अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें बीएलओ की भूमिका सबसे अहम होती है। बीएलओ ही मतदाता सूची के अद्यतन, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृतकों या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने जैसे कार्यों की पहली कड़ी होते हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि जिले के अधिकांश बीएलओ का कार्य संतोषजनक पाया गया है।
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ बीएलओ की कार्यशैली में कमियाँ देखी गई हैं। ऐसे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे भविष्य में त्रुटिरहित और प्रभावी कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि बीएलओ की छोटी सी गलती भी बड़े स्तर पर निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है, इसलिए प्रत्येक बीएलओ को अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी और सजगता से निभाना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे निर्वाचन कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता न बरतें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य प्रशासनिक जिम्मेदारी के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की भी रक्षा करता है। ऐसे में हर बीएलओ को यह समझना होगा कि उनका कार्य केवल एक सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक कर्तव्य भी है।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मतदाता सूची के अद्यतन कार्य को कैसे तकनीकी रूप से और अधिक पारदर्शी और तेज बनाया जाए। अधिकारियों ने बताया कि इस बार तकनीकी उपकरणों और डिजिटल माध्यमों के प्रयोग को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि नामांकन, संशोधन और सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने भी बीएलओ को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाता सूची का अद्यतन कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी बीएलओ अपने-अपने क्षेत्र में नियमित भ्रमण करें और मतदाताओं से संपर्क में रहें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की जानकारी या सहायता में परेशानी न हो।
निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता ने मतदाता सूची अद्यतन के साथ-साथ मतदान केंद्रों की भौतिक स्थिति, आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष प्रावधान, और महिला मतदाताओं की सुविधा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने बीएलओ को निर्देशित किया कि वे न केवल मतदाता सूची के अद्यतन पर ध्यान दें, बल्कि मतदान केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं को भी सुनिश्चित करें।
बैठक के अंत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुंजियाल ने सभी बीएलओ और अधिकारियों से फीडबैक लिया और उनकी समस्याएं और सुझाव भी सुने। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग मिलकर एक पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सभी से अपील की कि निर्वाचन कार्य को एक मिशन के रूप में लें और पूरी निष्ठा के साथ इसे निभाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र की आत्मा है, और इसकी सफलता में बीएलओ की भूमिका निर्णायक है।
इस महत्वपूर्ण बैठक से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह से सजग है और बूथ स्तर तक कार्यों की निगरानी कर रहा है। आगामी चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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