जयपुर के शास्त्री नगर से आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को गमगीन कर दिया है। एक ही परिवार पर ऐसी दोहरी विपत्ति टूटी कि जिसने भी सुना, उसकी आँखें भर आईं। पहले उत्तराखंड के केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश में जवान बेटे की मौत और फिर तेरहवीं के दिन माँ ने भी दम तोड़ दिया।

बेटे
बेटे की मौत के सदमे से नहीं उबर पाईं माँ विजय लक्ष्मी

दरअसल, जयपुर के शास्त्री नगर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान 15 जून को उत्तराखंड के गौरीकुंड क्षेत्र में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गए थे। इस दुखद दुर्घटना में पायलट राजवीर समेत कुल 7 लोगों की मौत हो गई थी। राजवीर, भारतीय सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त थे और उन्होंने करीब 14 वर्षों तक देश की सेवा की थी। सेना से रिटायर होने के बाद वे नागरिक उड्डयन में बतौर पायलट कार्यरत थे और उन्हें 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव प्राप्त था।

राजवीर के निधन की खबर मिलते ही उनका परिवार सदमे में चला गया। जयपुर स्थित उनके घर में कोहराम मच गया। परिजन और मोहल्ले के लोग इस हादसे से उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि 28 जून, यानी बेटे की तेरहवीं के दिन, परिवार पर एक और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राजवीर की माँ विजय लक्ष्मी चौहान को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई।

हेलीकॉप्टर

परिवार वालों का कहना है कि विजय लक्ष्मी अपने जवान बेटे की मौत का ग़म बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं। वे लगातार गुमसुम रहती थीं और बेटे की तस्वीरों को देखकर आहें भरती थीं। बेटे की अंतिम रस्में भी पूरी नहीं हुई थीं कि माँ ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। अब परिवार ने भारी मन से माँ का भी अंतिम संस्कार कर दिया है।

पायलट राजवीर का जीवन प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने भारतीय सेना में बहादुरी और निष्ठा के साथ कार्य किया और सेवानिवृत्ति के बाद भी उड़ान सेवा में जुटे रहे। उनकी पत्नी दीपिका सिंह भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं। दोनों की शादी साल 2011 में हुई थी और हाल ही में उनके घर जुड़वां बच्चों ने जन्म लिया था। ये खुशी अभी पूरी तरह घर में आई भी नहीं थी कि यह हादसा हो गया।

इस दोहरे शोक ने पूरे जयपुर शहर को हिला कर रख दिया है। एक बहादुर बेटे की शहादत और फिर उसकी माँ की असमय मौत, परिवार के लिए ऐसा ज़ख्म बन गया है जिसे भर पाना आसान नहीं होगा।

जहाँ एक ओर देश को अपने बहादुर सपूत पर गर्व है, वहीं यह हादसा यह भी दिखाता है कि देश की सेवा करने वाले परिवार किस पीड़ा से गुजरते हैं। राजवीर सिंह चौहान और उनकी माँ को हमारा नमन, और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना।

 

 

 

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