भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में एक बड़ा और अहम बदलाव किया है। बुधवार, 11 जून 2025 को रेलवे मंत्रालय ने एक आधिकारिक घोषणा के माध्यम से बताया कि 1 जुलाई से IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए तत्काल टिकट बुकिंग अब केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं के लिए ही संभव होगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य है – टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, फर्जीवाड़े पर रोक लगाना और वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता देना।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, “रेलवे चाहता है कि तत्काल टिकट की व्यवस्था का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तविक यात्री हैं, न कि दलालों या बोगस आईडी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को।” उन्होंने आगे बताया कि आधार आधारित प्रमाणीकरण से फर्जी पहचान और बोगस बुकिंग पर प्रभावी रूप से रोक लगेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए तत्काल टिकटिंग को और अधिक सुलभ बनाया गया है। 1 जुलाई 2025 से IRCTC वेबसाइट/ऐप के माध्यम से तत्काल बुकिंग केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं के लिए ही अनुमत होगी। साथ ही 15 जुलाई 2025 से OTP आधारित आधार सत्यापन भी अनिवार्य हो जाएगा।”
इस नए नियम के तहत, यदि कोई यात्री IRCTC पर तत्काल टिकट बुक करना चाहता है तो उसे अपना आधार कार्ड लिंक करना और OTP के माध्यम से वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। इससे टिकट बुकिंग के दौरान यात्री की असली पहचान सुनिश्चित की जाएगी और कोई अन्य व्यक्ति या एजेंट किसी फर्जी नाम से टिकट नहीं बुक कर सकेगा।
### एजेंटों पर भी लगी रोक
इस बदलाव का असर सिर्फ आम यात्रियों पर ही नहीं, बल्कि रेलवे के अधिकृत एजेंटों पर भी पड़ेगा। रेलवे ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब कोई भी अधिकृत एजेंट तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक टिकट बुक नहीं कर पाएगा। इससे आम यात्रियों को टिकट बुक करने का बेहतर मौका मिलेगा और एजेंटों द्वारा थोक में टिकट बुक करने की व्यवस्था पर लगाम लगेगी।
रेलवे के बयान के मुताबिक, एसी क्लास के तत्काल टिकट सुबह 10 बजे से बुकिंग के लिए उपलब्ध होते हैं, लेकिन अब एजेंट 10:30 बजे के बाद ही इनकी बुकिंग कर सकेंगे। इसी प्रकार, स्लीपर क्लास के टिकटों के लिए एजेंट सुबह 11:30 बजे के बाद ही बुकिंग कर पाएंगे। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि शुरुआती आधे घंटे में केवल आम लोग ही टिकट बुक कर सकें।
### यात्रियों को मिलेगा लाभ
इस नई प्रणाली के लागू होने से उन लाखों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा, जो हर दिन तत्काल टिकट के लिए संघर्ष करते हैं। अब उन्हें एजेंटों से मुकाबला नहीं करना पड़ेगा और न ही फर्जी आईडी वालों से टिकट छिनने की चिंता रहेगी। आम लोगों के लिए टिकट बुक करना पहले से कहीं अधिक पारदर्शी, आसान और सुरक्षित हो जाएगा।
### सुरक्षा और पारदर्शिता का बड़ा कदम
आधार आधारित टिकटिंग प्रणाली न केवल बुकिंग को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि इससे डेटा ट्रैकिंग, टिकट की वापसी (कैंसलेशन), और फर्जीवाड़े की पहचान भी आसान हो जाएगी। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, आने वाले समय में सामान्य टिकटों के लिए भी इसी तरह की प्रमाणीकरण प्रणाली लागू की जा सकती है।
### निष्कर्ष
रेलवे के इस फैसले को यात्रियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और सुविधा के लिहाज से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। जहां एक ओर इससे फर्जी बुकिंग और दलाली पर रोक लगेगी, वहीं दूसरी ओर यात्रियों को बेहतर सेवा और सुविधा मिलेगी। 1 जुलाई और 15 जुलाई की तारीखें इस बदलाव के लिए अहम होंगी, जब क्रमशः आधार वेरिफिकेशन और OTP आधारित सत्यापन अनिवार्य हो जाएंगे।
भारतीय रेलवे की इस नई पहल से टिकट बुकिंग प्रणाली में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी, जो कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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