बिहार में 15-18 साल के बच्चों को वैक्सीन देने की शुरुआत हो गई है। सीएम नीतीश कुमार ने इंदिरा गांधी इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आईजीआईएमएस) के वैक्‍सीनेशन सेंटर में वैक्‍सीनेशन ड्राइव की शुरुआत की। इस मौके पर सबसे पहला टीका ऋतिका नाम की बच्‍ची को लगा। ऋतिका ने कहा कि वह और सारे बच्‍चे कोरोना टीके का इंतजार कर रहे थे। टीकाकरण की घोषणा होते ही उसने ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराया और आज यहां आकर सबसे पहले टीका लगवाया। ऋतिका ने कहा कि अब कोरोना का डर नहीं रहेगा।

ऋतिका ने सब बच्‍चों से अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाने की अपील की। इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि 15 से 18 साल के बच्‍चों को टीका लगाने का काम अब तेजी से किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सर्वेक्षण के जरिए इस बात का पता लगाया गया कि राज्‍य में 15 से 18 साल के बीच के बच्‍चों की संख्‍या कितनी है। उन्‍होंने बताया कि अब जीनोम सिक्‍वेंसिंग की जांच के सैंपल भी बाहर भेजने की बजाए यहीं होगी।

गौरतलब है कि बिहार में कोरोना के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। बड़ी संख्‍या में डॉक्‍टर भी संक्रमित हुए हैं। 2801 टीकाकरण केंद्रों पर 15 से 18 वर्ष के 83.46 लाख किशोरों को टीका दिया जाना है। टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रतीक के रूप में यहां आधा दर्जन किशोरों को कोरोना टीका की खुराक दी गई। पहले दिन किशोरों के कोरोना टीकाकरण का मेगा अभियान आयोजित किया जाएगा। पटना में 87 केंद्र बनाए गए हैं। टीका लेने के बाद बच्चों को आधे घंटे तक टीकाकरण केंद्र पर रोका जा रहा है। राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक विद्यालय को किशोरों के टीकाकरण को लेकर टीकाकरण केंद्र बनाया गया है।

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