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बेगूसराय: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब तस्करी और पुलिस की मिलीभगत का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बेगूसराय जिले के बखरी थाना क्षेत्र में पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार शराब तस्करों के साथ-साथ बिहार पुलिस के तीन जवानों को गिरफ्तार किया है। ये सभी जवान टाइगर मोबाइल यूनिट से जुड़े थे और शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की तस्करी और बिक्री में शामिल पाए गए।

टाइगर मोबाइल के तीन जवान गिरफ्तार

गिरफ्तार पुलिसकर्मियों की पहचान चंदन कुमार, नियाज और शशि कुमार के रूप में हुई है। बखरी डीएसपी कुंदन कुमार ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि बखरी स्टेशन के पास एक पिकअप वाहन से अवैध रूप से शराब की बिक्री की जा रही है। जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो उन्होंने पाया कि वाहन के आसपास टाइगर मोबाइल के जवान मौजूद हैं। पुलिस को देखते ही वे भागने लगे, जिससे उनकी संलिप्तता की आशंका और मजबूत हो गई।

इसके बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच में यह भी पाया गया कि पुलिसकर्मी शराब माफियाओं के साथ लगातार संपर्क में थे और उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे थे।

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चार शराब माफिया भी गिरफ्तार

टाइगर मोबाइल के जवानों से पूछताछ और मोबाइल डेटा की जांच के बाद पुलिस ने चार अन्य शराब तस्करों को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में बखरी थाना क्षेत्र के गोरियारी निवासी उमेश साहनी का पुत्र राजा कुमार भी शामिल है। पुलिस ने इन तस्करों के पास से कुल 25 लीटर अवैध शराब, ₹17,500 नकद और 8 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

गिरफ्तार शराब माफियाओं ने भी अपने बयान में पुलिस के साथ मिलीभगत की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि वे टाइगर मोबाइल के जवानों के माध्यम से ही शराब की आपूर्ति और बिक्री करते थे। यह गठजोड़ लंबे समय से चल रहा था, जिसका अब खुलासा हुआ है।

डीएसपी ने दी जानकारी, होगी विभागीय कार्रवाई

डीएसपी कुंदन कुमार ने बताया कि इस मामले में कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच की जा रही है ताकि और भी संलिप्त लोगों का पर्दाफाश किया जा सके।

“पकड़े गए पुलिसकर्मी टाइगर मोबाइल यूनिट से हैं। वे शराब की बिक्री में संलिप्त थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा। चार शराब माफियाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच जारी है।” – कुंदन कुमार, डीएसपी बखरी

बिहार में शराबबंदी कानून: उद्देश्य और चुनौतियां

बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने यह कानून सामाजिक सुधारों, महिलाओं की सुरक्षा, घरेलू हिंसा में कमी और स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से लागू किया था। हालांकि, इस कानून के लागू होने के बाद से ही लगातार इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार शराब की तस्करी, चोरी-छिपे बिक्री और यहां तक कि जहरीली शराब से मौत की घटनाएं सामने आती रही हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से शराबबंदी कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

निष्कर्ष

बेगूसराय की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस विभाग की साख को भी धूमिल करती है। जब कानून के रक्षक ही उसके भक्षक बन जाएं तो समाज में कानून का भय समाप्त होने लगता है। हालांकि पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर एक बड़ा खुलासा किया है, लेकिन जरूरत है कि इस तरह के मामलों में कठोर और उदाहरणात्मक सजा दी जाए ताकि अन्य पुलिसकर्मी और तस्कर ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सकें। साथ ही शराबबंदी की सफलता के लिए प्रशासन को और अधिक पारदर्शिता व निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।

 

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By admin

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