कैबिनेट ने सबसे बड़ी स्वीकृति पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तारीकरण, नवीकरण और आधुनिकीकरण कार्य के लिए दी है। इस योजना के लिए **7832 करोड़ 29 लाख रुपये** की राशि स्वीकृत की गई है। परियोजना के अंतर्गत नेपाल सीमा से लेकर भारत के अंदर तक कुल 35 किलोमीटर लंबाई में पश्चिमी कोसी मुख्य नहर और संबंधित संरचनाओं का सुधार एवं निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना से दरभंगा के 16 और मधुबनी जिले के 20 प्रखंडों को सिंचाई और जल प्रबंधन में प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
बिहार
इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं और अन्य एजेंसियों को राज्य सरकार की गारंटी पर दिए गए ऋणों के लिए **प्रत्याभूति मोचन निधि** का गठन किया गया है। यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से लिया गया है, जिससे वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
शहरी विकास के तहत केंद्र प्रायोजित **अमृत 2.0 (अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन)** योजना के अंतर्गत **दानापुर जलापूर्ति परियोजना** को भी हरी झंडी मिली है। इसके लिए **99 करोड़ 9 लाख 63 हजार रुपये** की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना से पटना जिले के दानापुर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे हज़ारों परिवारों को लाभ होगा।
गंगा पथ परियोजनाओं पर भी कैबिनेट ने बड़े पैमाने पर निर्णय लिए हैं। **मुंगेर (सफियाबाद) से सुल्तानगंज** होते हुए **बरियारपुर-घोरघाट** तक की **42 किलोमीटर लंबी गंगा पथ परियोजना** को **हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM)** के तहत क्रियान्वित करने के लिए **5119 करोड़ 80 लाख रुपये** की स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त, **सुल्तानगंज से भागलपुर और फिर सबौर तक** की **40.80 किलोमीटर लंबी दूसरी गंगा पथ परियोजना** को भी **HAM मॉडल** पर लागू करने के लिए **4849 करोड़ रुपये** की मंजूरी दी गई है। इन दोनों परियोजनाओं से कोसी और अंग क्षेत्र के लाखों लोगों को बेहतर सड़क संपर्क की सुविधा मिलेगी, जिससे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है — **बख्तियारपुर से ताजपुर को जोड़ने वाली गंगा नदी पर चार लेन पुल और उसके पहुंच पथ का निर्माण कार्य**। इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए **3923 करोड़ रुपये** की स्वीकृति दी गई है। इस पुल के बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यातायात सुगम होगा और आर्थिक गतिविधियां तेज़ होंगी।
इसके अलावा **90 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न सरकारी संस्थानों और परियोजनाओं की खरीदारी** के लिए भी जारी की गई है। इस राशि का उपयोग मशीनरी, संसाधन और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद में किया जाएगा।
इन सभी परियोजनाओं की स्वीकृति से साफ है कि बिहार सरकार अब इंफ्रास्ट्रक्चर और जल संसाधनों के मामले में बड़ी छलांग लगाने जा रही है। इन योजनाओं के धरातल पर उतरने के बाद प्रदेश के लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा — चाहे वो किसान हों, व्यापारी, छात्र या आम नागरिक।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसले बिहार के विकास की रफ्तार को नई दिशा देने वाले हैं, जो आने वाले वर्षों में राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूती प्रदान करेंगे।