बिहार में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले 48 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण कई जिलों में सड़कों और नालों की स्थिति भयावह हो गई है। पटना से लेकर अररिया तक बारिश ने तबाही मचा दी है। शनिवार को राजधानी पटना में मीठापुर सब्जी मंडी के पास एक सड़क धंस गई, वहीं देर रात अररिया-नरपतगंज राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) का बड़ा हिस्सा भी धंस गया। इन घटनाओं ने प्रशासन और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

पटना में सड़क 10 फीट नीचे धंसी:
शनिवार की दोपहर राजधानी पटना में मीठापुर सब्जी मंडी के पास नाले पर बनी तीन साल पुरानी सड़क अचानक धंस गई। देखते ही देखते सड़क का करीब 10 फीट हिस्सा नीचे चला गया। इस दौरान सड़क पर खड़े कई पहिएदार ठेले और वाहन गड्ढे में जा गिरे। लोगों में अफरा-तफरी मच गई। सौभाग्य से इस हादसे में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उस मार्ग को बंद कर दिया और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले की सफाई और सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण यह घटना हुई है।

अररिया में एनएच-27 का हिस्सा धंसा, ट्रक पलटा:
इसी दिन देर रात अररिया जिले के नरपतगंज के पास एनएच-27 का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया। इस दौरान सड़क किनारे से गुजर रहा एक ट्रक गड्ढे में पलट गया। गनीमत रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। बताया जा रहा है कि लगातार बारिश से सड़क की मिट्टी बह गई थी, जिसके कारण सड़क का आधा हिस्सा धंस गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि धंसी हुई जगह के पास ही कई लोगों के कच्चे मकान हैं। अगर यह हादसा दिन में होता, तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।

देश की आर्थिक धुरी पर पड़ा असर:
नेशनल हाइवे 27 भारत के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है, जो असम के सिलचर को गुजरात के पोरबंदर से जोड़ता है। यह सड़क पूर्वोत्तर भारत को पश्चिमी तट से जोड़ने के साथ-साथ भारत-नेपाल सीमा के निकट इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (ICP) से होकर गुजरती है। यही वजह है कि यह मार्ग भारत और नेपाल के बीच थर्ड कंट्री आयात-निर्यात के लिए एक अहम कड़ी है। इस सड़क पर दिन-रात हजारों ट्रक और कंटेनर चलते हैं, जिससे इसका सामरिक और आर्थिक महत्व अत्यधिक है। ऐसे में सड़क धंसने की यह घटना न केवल स्थानीय यातायात बल्कि व्यापारिक गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकती है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश:
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण सड़क की नियमित देखरेख नहीं होना लापरवाही का प्रतीक है। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “यह हाईवे हमारे व्यापार की जीवनरेखा है। लेकिन अगर इसी तरह सड़कें धंसती रहीं, तो हमारी आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाएंगी।”

अधिकारियों ने लिया संज्ञान:
घटना की जानकारी मिलते ही एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारी मौके पर पहुंचे। ऑथोरिटी इंजीनियर कुमार सौरभ ने बताया कि भारी बारिश और रेनकट (Raincut) के कारण सड़क की सतह नीचे धंस गई है। उन्होंने कहा,

> “रेनकट के कारण ऐसी घटना हुई है। ट्रक ओवरलोड था और साइड में जाने के कारण पलट गया। मरम्मती कार्य तुरंत शुरू किया गया है, और टीम को चौबीसों घंटे काम पर लगाया गया है।”

सौरभ ने यह भी बताया कि फिलहाल एक लेन को बंद कर दिया गया है और दूसरी लेन से सीमित रूप में वाहनों की आवाजाही कराई जा रही है। उन्होंने ठेकेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।

बिहार में मूसलाधार बारिश का कहर जारी:
राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में शुक्रवार से लगातार बारिश हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। कई जिलों में निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, नालंदा, रोहतास, सीतामढ़ी और शिवहर समेत कई जिलों में जलभराव से लोग परेशान हैं।

पटना के कई इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्कूल-कॉलेजों में उपस्थिति कम रही और दफ्तरों तक पहुंचना भी लोगों के लिए चुनौती बन गया है।

प्रशासन की चुनौती:
लोगों का कहना है कि हर बार बारिश में सड़कें टूट जाती हैं और गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं। प्रशासन दावा करता है कि मरम्मत कार्य चल रहा है, लेकिन हर साल हालात वैसे ही बने रहते हैं। इस बार बारिश ने फिर से यह साबित कर दिया कि बिहार की सड़कें अब भी टिकाऊ नहीं हो पाई हैं।

फिलहाल एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मरम्मती कार्य जारी है, और अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि दो दिनों के भीतर यातायात सामान्य हो जाएगा। लेकिन लगातार जारी बारिश के कारण स्थिति फिर भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

 

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