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भागलपुर शहर के सबसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाले इलाकों में शुमार कचहरी चौक मंगलवार को एक खतरनाक हादसे का गवाह बना। यहां अचानक बिजली के तारों में आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। तारों से उठती आग की लपटों के साथ-साथ बार-बार धमाकेदार आवाजें सुनाई देने लगीं, मानो पटाखों की पूरी लड़ी फूट रही हो। देखते ही देखते वहां से गुजर रहे लोग दहशत में आ गए और अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजे घटी। बताया गया कि कुछ दिन पहले ही बिजली विभाग द्वारा इस क्षेत्र में पुराने तारों को हटाकर नए तार बिछाए गए थे। लेकिन इन तारों में तकनीकी गड़बड़ी रह जाने के कारण अचानक इनमें आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि तारों में शॉर्ट सर्किट के कारण एक के बाद एक तेज धमाके होने लगे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ क्षणों तक तो किसी को समझ में ही नहीं आया कि हुआ क्या है। लेकिन जैसे ही तारों में आग की लपटें और चिंगारियां दिखाई दीं, लोग घबराकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ने लगे। घटनास्थल के आसपास कई दुकानें और सरकारी दफ्तर स्थित हैं, जहां मौजूद लोगों ने तत्काल अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए और बच्चों व बुजुर्गों को वहां से हटाया गया।

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अगर यह हादसा शाम के समय होता, जब भीड़ अधिक होती है, तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए नए तारों की गुणवत्ता बेहद खराब थी और यह हादसा उसी लापरवाही का परिणाम है।

घटना की सूचना मिलते ही बिजली विभाग की टीम मौके पर पहुंची। तत्काल बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया गया, जिससे आग को फैलने से रोका जा सका। दमकल विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया, लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने आग पर समय रहते काबू पा लिया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जानमाल की क्षति नहीं हुई, लेकिन कुछ गाड़ियां और पास में खड़ी मोटरसाइकिलों को मामूली नुकसान जरूर पहुंचा।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से इस मामले की गंभीर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि विभागीय लापरवाही से आम लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है। पिछले दिनों भी इसी इलाके में एक ट्रांसफॉर्मर से चिंगारियां निकलने की शिकायत की गई थी, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

घटना को लेकर भागलपुर नगर निगम और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी हरकत में आए। विभागीय प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह घटना तकनीकी कारणों से हुई है और इसकी जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी गई है। अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

बिजली विभाग के अनुसार, कचहरी चौक जैसी व्यस्त जगहों पर हाई वोल्टेज तारों और पुराने पोलों को बदलने का काम तेजी से किया जा रहा है। लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सिर्फ काम की रफ्तार नहीं, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन करना भी उतना ही जरूरी है।

इस घटना ने शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया है। लोग अब अपने आसपास की बिजली व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां पुराने तार, जर्जर पोल और असुरक्षित ट्रांसफॉर्मर अब भी उपयोग में हैं, जो कभी भी खतरे का कारण बन सकते हैं।

इस हादसे के बाद नगर निगम और बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। आम जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

कुल मिलाकर, कचहरी चौक की यह घटना एक चेतावनी है—सरकार, विभाग और आम लोगों के लिए—कि लापरवाही की एक छोटी सी चिंगारी किस तरह बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकती है। गनीमत है कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, वरना यह हादसा किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकता था।

 

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