रांची: झारखंड के खूंटी जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत सोमार बाजार मोहल्ले में भारी बारिश के चलते एक अर्धनिर्मित कुआं अचानक ढह गया, जिसकी चपेट में आकर दो स्कूली छात्र मिट्टी के नीचे दब गए। यह हादसा बीते बुधवार को उस वक्त हुआ, जब दोनों छात्र कुएं के पास खेल रहे थे। घटना के बाद से ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कुआं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत निर्माणाधीन था। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया और खूंटी की उपायुक्त आर. रॉनिटा के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक विशेष टीम को मौके पर भेजा गया। एनडीआरएफ की टीम बुधवार रात से ही रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है, लेकिन छात्रों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
उपायुक्त ने बताया कि बचाव कार्य में किसी तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। एनडीआरएफ की टीम आधुनिक उपकरणों के साथ मलबा हटाने का प्रयास कर रही है। हादसे वाले इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है ताकि आम लोग वहां न पहुंचें और रेस्क्यू कार्य में कोई बाधा न आए।
इधर, खूंटी जिले में भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले के तोरपा अनुमंडल क्षेत्र में बह रही बनई नदी पर बना एक पुल भी तेज बारिश के कारण ढह गया है। इस हादसे की वजह से खूंटी-सिमडेगा मुख्य सड़क मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग करने की अपील की है। साथ ही वहां भी एनडीआरएफ की टीम को एहतियातन तैनात किया गया है।
मौसम विभाग ने झारखंड के कई जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जैसे जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। दरअसल, उत्तरपूर्व झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण यह स्थिति बनी हुई है। यह प्रणाली धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रही है।
अधिकारियों ने बताया कि रांची समेत अन्य जिलों में पिछले दो दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है, जिससे सड़कों पर जलजमाव और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं भी हो रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए रांची, खूंटी और अन्य प्रभावित जिलों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
एनडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं।
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को कितना गंभीरता से लिया जाता है और बारिश के मौसम में ऐसे स्थलों की निगरानी कितनी जरूरी है।
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