शनिवार को पीरपैंती प्रखंड में तेज मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पीरपैंती रेफरल अस्पताल का मुख्य पहुंच मार्ग भी शामिल है, जो पूरी तरह जलमग्न हो गया है। इससे मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
बारिश का सबसे बुरा प्रभाव बाराहाट मुख्य बाजार, शेरमारी, सुंदरपुर और दियारा क्षेत्र के गांवों में देखा गया, जहां गलियों और सड़कों पर पानी भर गया है। दुकानों के सामने और आवासीय इलाकों में जलजमाव से लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है।

इस बार सबसे अधिक समस्या आठ महीने पूर्व टूट चुके चौखंडी पुल के कारण देखने को मिली। स्थानीय लोगों को अब पगडंडी से होकर एक वैकल्पिक रास्ते से आना-जाना पड़ रहा है, जो बारिश के कारण कीचड़ में तब्दील हो चुका है। इस रास्ते से बाइक, टोटो और ऑटो जैसे छोटे वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है, जिससे यातायात लगभग ठप हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस पुल के मरम्मत की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
इसके अलावा रामनगर-अठनिया-दियारा मुख्य मार्ग पर बनाए गए डायवर्जन में भी भारी जलजमाव हो गया है। कई स्थानों पर पानी भरने के कारण वाहन चालकों को मजबूरी में अपने वाहन रोक देने पड़े। ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को भी पैदल चलने में दिक्कतें हो रही हैं।
मौसम की मार केवल जलजमाव तक ही सीमित नहीं रही। शनिवार को कई स्थानों पर पेड़ और विद्युत तार गिरने से बाराहाट, ईशीपुर और पीरपैंती क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इन क्षेत्रों में शनिवार की शाम से ही अंधेरा छा गया और अभी तक विद्युत बहाली का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इससे मोबाइल चार्जिंग, पेयजल आपूर्ति और अन्य दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक राहत या व्यवस्था सुधारने की कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। आमजन ने प्रशासन से जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने, टूटे पुल की मरम्मत और विद्युत बहाली की दिशा में त्वरित कदम उठाने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बारिश के मौसम की शुरुआत में ही जब हालात ऐसे हैं, तो मानसून में क्या स्थिति होगी, यह सोचकर लोग चिंतित हैं।
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