गुरुवार की सुबह बरारी स्थित गंगा नदी घाट पर एक अजीब नजारा देखने को मिला। नदी में बहते हुए पांच भैंस घाट किनारे आकर फंस गईं। स्थानीय लोगों की नजर जब इन भैंसों पर पड़ी तो सभी हैरान रह गए कि आखिर यह भैंस कहां से बहकर आईं। पानी से घिरी इन भैंसों को बाहर निकालने के लिए लोगों ने तुरंत कोशिश शुरू कर दी। कुछ युवकों ने नदी में उतरकर रस्सी के सहारे भैंसों को सुरक्षित बाहर निकाला और किनारे बांध दिया ताकि वे फिर से पानी में न उतर जाएं।
भैंसों के सुरक्षित बाहर आने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर इनका मालिक कौन है और यह किस इलाके से बहकर आई हैं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी बरारी थाना को दी। सूचना मिलते ही बरारी थानेदार बिट्टु कुमार कमल अपनी टीम के साथ घाट पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने तुरंत अपने इलाके के व्हाट्सएप ग्रुप पर इन भैंसों की तस्वीर और पूरी जानकारी साझा की ताकि जल्द से जल्द असली मालिक तक इसकी खबर पहुंच सके।
थानेदार बिट्टु कुमार कमल ने बताया कि यह मामला जनहित और पशु हित से जुड़ा था। अगर समय पर जानकारी नहीं दी जाती और इन्हें सुरक्षित स्थान पर नहीं रखा जाता तो यह भैंस फिर से पानी में जा सकती थीं और कोई बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन न सिर्फ लोगों की सुरक्षा बल्कि पशुओं की सुरक्षा को लेकर भी संवेदनशील है।
थानेदार द्वारा फोटो और सूचना साझा करने के कुछ घंटों बाद जोगसर इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने थाने से संपर्क किया और बताया कि उसकी पांच भैंस अचानक नदी में उतर गई थीं और तेज धारा में बह गईं। उन्होंने उम्मीद खो दी थी कि इतनी दूर बह जाने के बाद उनकी भैंस वापस मिल पाएंगी। लेकिन जब उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर फोटो और जानकारी देखी तो तुरंत थाने पहुंचे और अपनी भैंसों की पहचान कर ली।
थाने में पहचान पत्र और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भैंसों को उनके मालिक को सौंप दिया गया। मालिक ने बरारी थाना और स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में ऐसे मददगार लोग और सतर्क पुलिस ही असली समाज की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि अगर समय पर थानेदार और स्थानीय लोग सक्रियता नहीं दिखाते तो उनकी लाखों की संपत्ति डूब सकती थी।
स्थानीय लोगों ने भी बरारी थाना की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग पुलिस से मदद लेने में हिचकते हैं, लेकिन इस मामले ने यह साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि आमजन और उनके हितों की रक्षा के लिए भी हमेशा तत्पर रहती है।
बरारी घाट की यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी रही। कई लोगों ने इस मामले में पुलिस और स्थानीय लोगों के सहयोग की तारीफ करते हुए इसे समाज में सकारात्मकता और मानवीयता का उदाहरण बताया।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि चाहे इंसान हो या पशु, संकट की घड़ी में जागरूकता और एकजुटता ही सबसे बड़ा समाधान है। बरारी थाना की सतर्कता, स्थानीय लोगों की तत्परता और सोशल मीडिया की भूमिका के कारण आज पांच भैंस सुरक्षित अपने घर लौट सकीं।
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