बिहार के सीवान जिले से एक बार फिर अपराध की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सोमवार की सुबह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत भादा पुल के समीप एक व्यक्ति को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। इस वारदात में व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। दिनदहाड़े हुई इस गोलीबारी की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है और लोगों में भय और तनाव का माहौल बन गया है।
घायल व्यक्ति की पहचान सीवान जिले के निवासी अमजद अली के रूप में की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, अमजद अली अपनी बेटी को कोचिंग क्लास छोड़कर घर लौट रहे थे। इसी दौरान जैसे ही वे भादा पुल के समीप पहुंचे, पहले से घात लगाए बैठे नकाबपोश बदमाश ने उन पर अचानक फायरिंग कर दी। गोली अमजद की बाजू में लगी, जिससे वे सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
गोलीबारी की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत अमजद अली को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, गोली उनके दाहिने बाजू में लगी है और काफी खून बह गया है, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
वारदात की सूचना मिलते ही मुफ्फसिल थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ साक्ष्य जुटाए हैं और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि हमला करने वाला बदमाश नकाब पहने हुए था, जिससे उसकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है। पुलिस इस मामले को आपसी रंजिश या किसी अन्य पुराने विवाद से भी जोड़कर देख रही है।
घटना के बाद से भादा पुल और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है और संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब दिनदहाड़े भी सरेआम फायरिंग की जा रही है और पुलिस अपराध पर नियंत्रण करने में विफल नजर आ रही है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले में शामिल अपराधी को गिरफ्तार किया जाए और इलाके में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि आम लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
फिलहाल पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और फोन कॉल डिटेल्स भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही अपराधी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर से इस सवाल को जन्म देती है कि आखिर बिहार में आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं? क्या एक पिता अपनी बेटी को कोचिंग छोड़ने के बाद सुरक्षित घर लौट सकता है? या अपराधियों का खौफ इतना बढ़ चुका है कि अब कोई भी कहीं भी निशाना बन सकता है?
अमजद अली पर हुआ हमला न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि यह पूरे समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले को कितनी तेजी से सुलझा पाती है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने में कितनी सफल होती है।
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