बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। तपती गर्मी से राहत पाने के लिए नहाने गए बच्चों के लिए गंडक नदी जानलेवा साबित हुई। धनहा थाना क्षेत्र के सेमरवारी ठोकर के पास गंडक नदी में नहाने गए चार बच्चे नदी की तेज धार में बह गए और लापता हो गए। बताया जा रहा है कि जिन चार बच्चों की तलाश की जा रही है, वे गहरे पानी में चले गए थे, जहां मगरमच्छों की भी मौजूदगी बताई जा रही है।
गर्मी से राहत की कोशिश बनी हादसा:
गर्मी से राहत पाने के लिए खलवापट्टी गांव से तकरीबन 15 से 20 लड़कों का एक समूह गंडक नदी में नहाने गया था। यह इलाका तमकुहा बाजार के पास स्थित है। दोपहर के समय ये सभी बच्चे नदी में उतरे और मस्ती करते हुए नहाने लगे। इसी दौरान आधा दर्जन बच्चे नदी के गहरे हिस्से की ओर बढ़ गए। वहां पानी की धारा तेज थी, लेकिन बच्चों ने इस खतरे को नजरअंदाज कर दिया।
गहरे पानी में फंसे छह बच्चे:
चश्मदीद सत्येंद्र यादव ने बताया कि हम लोग बच्चों को मना कर रहे थे कि उस तरफ मत जाओ, लेकिन वे लोग नहीं माने। देखते ही देखते वे पानी के तेज बहाव में डूबने लगे। छह बच्चे अचानक तेज धारा में बहने लगे और चीखने-चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर बाकी नहा रहे बच्चे भी घबरा गए और उनकी ओर दौड़े।
दो बच्चों की बची जान, चार लापता:
सत्येंद्र यादव के अनुसार, उनमें से दो बच्चे किसी तरह खुद को बचाकर किनारे तक वापस आ गए, लेकिन शेष चार बच्चे तेज बहाव में लापता हो गए। उन बच्चों को बचाने की भरपूर कोशिश की गई लेकिन जब तक अन्य लोग वहां पहुंचे, तब तक वे नदी में समा चुके थे। घटनास्थल के पास मौजूद गहरे पानी में मगरमच्छ और घड़ियाल भी देखे गए, जिससे डर का माहौल और अधिक भयावह हो गया।
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से तलाश जारी:
घटना की जानकारी मिलते ही धनहा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों की भी भारी भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। पुलिस ने तुरंत स्थानीय गोताखोरों की मदद से डूबे बच्चों की तलाश शुरू करवाई। हालांकि अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है।
कुछ बच्चे डर के मारे भागे:
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुछ बच्चे जो वहां नहा रहे थे, हादसे को देखकर डर और दहशत में वहां से भाग खड़े हुए। पुलिस उनकी तलाश कर रही है ताकि लापता बच्चों के नाम और उम्र की सही जानकारी मिल सके।
एसडीआरएफ टीम को भेजा गया संदेश:
धन्हा थानाध्यक्ष धर्मवीर भारती ने बताया कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को भी अलर्ट किया गया है। उन्हें घटनास्थल पर बुलाया गया है ताकि आधुनिक उपकरणों की मदद से गहराई में तलाश की जा सके।
नदी किनारे पसरा मातम:
हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया है। जिन घरों के बच्चे लापता हैं, वहां कोहराम मचा हुआ है। परिजन बेसुध हालत में घटनास्थल पर पहुंचे हैं और अपने बच्चों को तलाशने की गुहार लगा रहे हैं। नदी किनारे बच्चों के कपड़े और चप्पलें पड़ी मिली हैं, जो इस दर्दनाक घटना की गवाही दे रही हैं।

लापरवाही और अनदेखी का नतीजा:
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंडक नदी का यह हिस्सा काफी गहरा है और पहले भी यहां हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की ओर से कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं की गई है। साथ ही मगरमच्छों की मौजूदगी की जानकारी होने के बावजूद कोई रोकथाम नहीं है।
निष्कर्ष:
बगहा की यह घटना एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि गर्मी के मौसम में नदियों में नहाना बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में चेतावनी संकेत लगाए जाएं, सुरक्षा इंतजाम किए जाएं और स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही, इस हादसे के जिम्मेदार कारणों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके।
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