सुपौल, बिहार — बकरीद के पावन अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता शैयद शहनवाज हुसैन शनिवार को सुपौल पहुंचे, जहां उन्होंने हजारों लोगों के साथ ईदगाह मैदान में नमाज अदा की। इस दौरान उन्होंने भाईचारे, अमन और इंसानियत का संदेश दिया।
सुबह से ही सुपौल के ईदगाह मैदान में नमाज अदा करने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। सफेद कपड़ों में लिपटे और टोपी पहने हजारों नमाजियों ने एक साथ खुदा के सामने सिर झुकाया। नमाज के बाद जैसे ही शहनवाज हुसैन ने माइक संभाला, पूरा मैदान तालियों की गूंज से भर गया।
शहनवाज हुसैन ने अपने संबोधन में कहा कि बकरीद केवल मुसलमानों का त्योहार नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत का पर्व है। यह त्याग, समर्पण और सेवा की भावना से ओतप्रोत त्योहार है। उन्होंने कहा, “इस दिन हम अल्लाह के हुक्म पर अपने सबसे प्यारे चीज की कुर्बानी देते हैं और यह हमें सिखाता है कि इंसानियत की राह में हमें अपने स्वार्थ और अहम को कुर्बान करना चाहिए।”

भाजपा नेता ने भारत की विविधता और सांप्रदायिक सौहार्द की सराहना करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी ताकत इसकी एकता और गंगा-जमुनी तहजीब है। उन्होंने कहा, “भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मिलकर हर त्योहार मनाते हैं। यही हमारी असली पहचान है।”
शहनवाज हुसैन ने सुपौल की जनता को विशेष रूप से ईद की बधाई देते हुए कहा कि यहां के लोग आपसी प्रेम, सहयोग और भाईचारे की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि “सुपौल जैसे सीमावर्ती जिले में जिस तरह सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं, वह पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।”
अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं से भी खास अपील की। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। “हमें शिक्षा, तकनीक और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ना है। बकरीद का संदेश यही है कि हम सिर्फ अपने लिए नहीं, समाज और देश के लिए भी सोचें।”
मीडिया से बातचीत के दौरान शहनवाज हुसैन ने बकरीद के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस दिन पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैह सलाम की अल्लाह के प्रति निष्ठा और समर्पण को याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि “यह पर्व हमें सिखाता है कि जब इंसान अल्लाह के आदेश को सबसे ऊपर रखता है, तभी सच्चा ईमानदार कहलाता है।”
उन्होंने इस मौके पर समाज में आपसी नफरत और हिंसा फैलाने वालों को करारा संदेश देते हुए कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि समाज में अमन और शांति कायम रखें। जो लोग नफरत फैलाते हैं, उन्हें समाज से अलग-थलग करना चाहिए। धर्म कभी भी हिंसा और नफरत नहीं सिखाता।”
इस अवसर पर जिले के कई सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उन्होंने भी अपने-अपने तरीके से लोगों को ईद की शुभकामनाएं दीं। शहनवाज हुसैन के आगमन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया। स्थानीय नागरिकों ने उन्हें फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया और उनसे हाथ मिलाने के लिए कतारें लग गईं।
ईदगाह मैदान में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस बल की टीम पूरी मुस्तैदी से तैनात रही। हर प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच की गई। महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य और स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा था। मेडिकल टीम और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी। वहीं नगर परिषद ने ईदगाह मैदान के आसपास सफाई की विशेष व्यवस्था की थी।
इस मौके पर शहनवाज हुसैन ने प्रशासन और आम लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि “आप सभी की मेहनत और एकता से ही ऐसे आयोजन सफल होते हैं। मैं सुपौल के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे इतना प्यार और सम्मान दिया।”
अंत में उन्होंने कहा कि हमें इस पवित्र दिन पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम नफरत नहीं, मोहब्बत फैलाएंगे। देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
इस तरह बकरीद का यह पर्व सुपौल में ना सिर्फ धार्मिक भावना से बल्कि सामाजिक एकता और राष्ट्रीय एकजुटता के संदेश के साथ संपन्न हुआ। शहनवाज हुसैन की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया, जिसने लोगों को प्रेम, त्याग और भाईचारे का अनमोल संदेश दिया।
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