भवानीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मथुरापुर इलाके में एक प्रेम-प्रसंग का मामला इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में एक युवक और एक नाबालिग लड़की की शादी होते हुए दिखाया गया है। पूरा मामला स्थानीय लोगों और पुलिस-प्रशासन के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है, क्योंकि इसमें एक नाबालिग लड़की और एक युवक के बीच लंबे समय से चले आ रहे प्रेम संबंध की बात सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार, बलहा गांव निवासी गुरुदेव कुमार, जो पेशे से एक कैमरामैन है, का मथुरापुर बाजार स्थित एक विद्यालय में पढ़ने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा से प्रेम संबंध चल रहा था। दोनों के बीच पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बताया जा रहा है कि गुरुदेव और छात्रा एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे और कई बार इस पर आपस में चर्चा भी कर चुके थे। चार दिन पहले गुरुदेव अपनी प्रेमिका को अपने गांव बलहा स्थित घर ले गया था। कुछ ग्रामीणों ने जब लड़की को उसके साथ देखा, तो यह बात तुरंत लड़की के परिजनों तक पहुंचा दी गई।
लड़की के परिजन यह सुनकर बेहद नाराज हो गए और उन्होंने युवक गुरुदेव पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। शुरू में गुरुदेव और उसके परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा और गांव में चर्चा का विषय बन गया, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
इस बीच बीती रात गुरुदेव किसी कार्यवश मथुरापुर आया हुआ था, तभी ग्रामीणों ने उसे पहचान लिया और पकड़कर एक स्थान पर रोक लिया। इसके बाद स्थानीय लोगों और बुद्धिजीवियों की मध्यस्थता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों पक्षों के परिजनों को बुलाया गया। घंटों की बातचीत और समझौते के बाद रात करीब एक बजे दोनों की शादी मथुरापुर मार्केट स्थित बजरंगबली मंदिर में संपन्न करवा दी गई।
शादी के दौरान दोनों परिवारों के सदस्य, ग्रामीण और स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद थे। पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी किसी ने बना लिया, जो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला आसपास के गांवों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
इस घटना ने समाज में बाल विवाह और प्रेम-प्रसंग को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां प्रेम करने वाले युगल को समाज की रजामंदी मिल गई, वहीं दूसरी ओर नाबालिग लड़की की शादी ने बाल विवाह कानून की धज्जियां भी उड़ाई हैं। यह मामला प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी गंभीर है, क्योंकि नाबालिग की शादी बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 का उल्लंघन मानी जाती है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर समय रहते दोनों परिवार आपस में संवाद करते, तो इस तरह की स्थिति नहीं उत्पन्न होती। वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि प्रेम-प्रसंग में जब दोनों एक-दूसरे से शादी करना ही चाहते थे, तो समाज के हस्तक्षेप से मामला शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया, यह बेहतर है। फिलहाल इस शादी की वैधता और कानूनी पहलुओं को लेकर प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस वायरल वीडियो और नाबालिग की शादी के मामले में क्या रुख अपनाता है। क्या कानूनी कार्रवाई होगी या समाज में “समझौते” के आधार पर इसे एक प्रेम कहानी का सुखद अंत मान लिया जाएगा—यह आने वाला समय बताएगा।
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