पूर्णिया जिले में शुक्रवार की सुबह जवनपुर रेलवे स्टेशन के पास जो घटना सामने आई, उसने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है। रेलवे पटरी से चार मासूम बच्चों की लाशें बरामद हुईं, जबकि एक बच्चा घायल अवस्था में मिला। प्रारंभिक जांच में यह मामला वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत बताया गया, लेकिन अब घायल बच्चे के बयान ने पूरे मामले की दिशा ही बदल दी है। घायल बच्चे ने जो सनसनीखेज खुलासा किया है, उससे यह हादसा अब हत्या की साजिश की शक में बदल गया है।
घायल बच्चे का बड़ा खुलासा: “हमें ठेकेदार ने पीटा और झाड़ियों में फेंक दिया”
घायल बच्चा, जिसका नाम कुलदीप है, ने पुलिस को बताया कि वे सभी बच्चे मखाना फोड़ी में काम करते थे। जिस ठेकेदार के पास वे काम करते थे, उसका नाम विशो बताया गया है। घायल बच्चे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार अक्सर उन्हें मारता-पीटता था। उसने बताया —
> “जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन भी ठेकेदार ने हमें खूब मारा। फिर झाड़ियों में फेंक दिया। हम सब बेहोश हो गए थे। जब होश आया, तो खुद को पटरी के पास पाया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि हम पटरी तक कैसे पहुंचे। हम पांच लोग थे — मेला देखकर लौट रहे थे। तभी उसने हम पर हमला किया।”
घायल बच्चे ने आगे बताया कि वे पिछले 21 दिनों से विशो ठेकेदार के यहां मखाना फोड़ने का काम कर रहे थे। उसी ने उन्हें धमकी दी थी और मारपीट कर रेलवे ट्रैक के पास फेंक दिया।
मृत बच्चों की पहचान और परिजनों का रोना
मृतकों की पहचान जिंगर कुमार (15), सुंदर कुमार (15), सिंटू (14) और रोहित (14) के रूप में हुई है। सभी बच्चे बनमनखी प्रखंड के चांदपुर भंगहा गांव के रहने वाले थे। वहीं, घायल बच्चा कुलदीप का भी संबंध इसी गांव से है।
मृत बच्चों की मौसी सुनीता देवी ने बताया,
> “गांव के ही एक युवक आलोक ने हमें खबर दी कि रेल हादसा हुआ है, जिसमें हमारे बच्चे शामिल हैं। जब हम अस्पताल पहुंचे तो सब खत्म हो चुका था। घायल कुलदीप ने ही बताया कि उन्हें ठेकेदार ने मारा था। अब हमें लगता है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश के तहत हत्या की गई है।”
परिजनों का कहना है कि ठेकेदार बच्चों को धमकाता था और पैसे न देने पर मारता-पीटता था। उनका दावा है कि ठेकेदार ने ही बच्चों की हत्या कर उनके शव पटरी पर फेंक दिए ताकि मामला आत्महत्या या रेल हादसे का लगे।
सांसद पप्पू यादव का बयान — “ये रेल हादसा नहीं, साजिश है”
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी इस घटना पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा,
> “वंदे भारत ट्रेन से पांच महादलित बच्चे नहीं कटे हैं, उन्हें साजिशन मारकर पटरी पर फेंक दिया गया है। शवों की हालत देखकर साफ लगता है कि यह हत्या है। परिजन भी कह रहे हैं कि ठेकेदार उन्हें धमकी दे रहा था। मैंने पूर्णिया के आईजी से कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।”
पप्पू यादव ने कहा कि यह घटना गरीब और दलित बच्चों के शोषण की भयावह सच्चाई को उजागर करती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ठेकेदार को तत्काल गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले।
पुलिस जांच में जुटी — “घायल के बयान के आधार पर हर एंगल से जांच”
कसबा थाना के सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि घायल बच्चे ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा —
> “घायल बच्चे का बयान बेहद गंभीर है। उसने ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि वह रोज प्रताड़ित करता था। उसी दिन भी उसने पीटा और शायद बेहोश अवस्था में पटरी के पास फेंक दिया। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने बताया कि फिलहाल शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है और रिपोर्ट का इंतजार है। घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। ठेकेदार से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है।
अब सवाल उठे — हादसा या हत्या?
घटना के बाद अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या यह वाकई रेल हादसा था या इन मासूम बच्चों की किसी ने बेरहमी से हत्या कर दी?
घायल बच्चे के बयान, परिजनों के आरोप और सांसद के बयान से यह साफ है कि अब यह मामला सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि संभावित हत्या की साजिश का रूप ले चुका है।
अब पुलिस की जांच ही यह तय करेगी कि जवनपुर रेलवे ट्रैक पर चार मासूमों की जान लेने वाला कातिल कौन है — तेज रफ्तार ट्रेन या किसी बेरहम ठेकेदार की साजिश?
निष्कर्ष:
पूर्णिया का यह मामला सिर्फ एक रेल हादसा नहीं लगता। घायल बच्चे के बयान ने पूरे प्रशासन को झकझोर दिया है। अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं। मृतकों के परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं और पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
