पुलिसपुलिस



5 जून को **विश्व पर्यावरण दिवस** के मौके पर बिहार के सहरसा जिले में एक प्रेरणादायक और जागरूकता से भरी तस्वीर सामने आई। स्कूली बच्चों और पुलिस विभाग ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक **सार्थक अभियान** चलाया, जिसने न सिर्फ राहगीरों का ध्यान खींचा बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर कर दिया।

सुबह से ही शहर के विभिन्न हिस्सों में स्कूली बच्चे हाथों में तख्तियां लेकर निकल पड़े। इन तख्तियों पर लिखे गए संदेश –
“**पेड़ बचाओ – पर्यावरण बचाओ**”,
“**हरियाली है जहां, जीवन है वहां**”,
“**आज पेड़ काटोगे, कल सांस को तरसोगे**” –
ने लोगों को रुककर बच्चों की ओर देखने और फिर अपने जीवनशैली पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।

पुलिस
पुलिस



इन बच्चों की सबसे खास पहल थी **प्रतीकात्मक ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदर्शन**। उन्होंने पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर का मॉक-अप लादकर यह संदेश दिया कि यदि हम आज पेड़ों की रक्षा नहीं करेंगे, तो आने वाला कल ऐसा हो सकता है जब हर इंसान को सांस लेने के लिए सिलेंडर का सहारा लेना पड़ेगा।
यह दृश्य बेहद मार्मिक था – मासूम चेहरों पर गंभीर संदेश, जो बिना शब्द बोले ही पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति का प्रमाण दे रहे थे।

इस अभियान में शहर के अलग-अलग स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल थे। हर बच्चा उत्साह के साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए नारे लगा रहा था। उनका यह उत्साह यह दिखा रहा था कि अगली पीढ़ी पर्यावरण के प्रति कितनी संवेदनशील और जागरूक है।

इस अवसर पर सहरसा पुलिस भी पीछे नहीं रही। पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में **पुलिस लाइन परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम** आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने भाग लिया। पुलिस अधीक्षक ने इस दौरान कहा,
“**पेड़-पौधे सिर्फ जीवन का आधार नहीं हैं, ये पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने वाले प्राकृतिक स्तंभ हैं। हमें इनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। आज पौधा लगाएं, ताकि कल हमारी आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ सांस ले सकें।**”

उन्होंने आगे कहा कि सहरसा पुलिस न केवल कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी गंभीरता से ले रही है। यही कारण है कि पर्यावरण संरक्षण जैसे सामाजिक सरोकारों में भी पुलिस विभाग सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

यह पहल समाज में एक **सकारात्मक संदेश** लेकर आई कि यदि हर वर्ग, हर आयु वर्ग और हर विभाग एकजुट हो जाए तो कोई भी समस्या बड़ी नहीं रह जाती। बच्चों की मासूम अपील, पुलिस की प्रतिबद्धता और समाज के हर हिस्से से मिलते सहयोग ने इस दिन को **स्मरणीय बना दिया**।

इस मौके पर कुछ शिक्षकों और पर्यावरण प्रेमियों ने भी बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि यह लड़ाई केवल एक दिन की नहीं, बल्कि हर दिन हमें इसे जीना होगा। यदि हम रोज़मर्रा के जीवन में छोटे-छोटे प्रयास करें – जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग, पानी की बचत, पेड़ लगाना और दूसरों को जागरूक करना – तो हम धरती को फिर से हरा-भरा बना सकते हैं।

सहरसा ने आज यह दिखा दिया कि **पर्यावरण संरक्षण अब विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है।** यह दिन सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक संकल्प भी है – प्रकृति के लिए कुछ कर गुजरने का, अपने आने वाले कल को सुरक्षित करने का।

इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब छोटे-छोटे प्रयास पूरे समाज के स्तर पर किए जाते हैं, तो उनका असर गहरा और दीर्घकालिक होता है।
**सहरसा की इस एकजुटता और जागरूकता ने न सिर्फ पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया, बल्कि एक मिसाल कायम की – आने वाली पीढ़ियों के लिए।**

अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

सहरसा में बड़ी साजिश नाकाम: कार्बाइन और कारतूस के साथ युवक गिरफ्तार, पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी वारदात

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *