खरीक थाना क्षेत्र में 13 जून को हुए मक्का व्यवसायी पर फायरिंग की घटना का पुलिस ने त्वरित उद्भेदन कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपित सुमन कुमार यादव, निवासी बगड़ी, थाना खरीक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। घटना के महज कुछ ही घंटे के भीतर आरोपित की गिरफ्तारी पुलिस की सक्रियता और तत्परता को दर्शाती है।

घटना का विवरण
यह घटना 13 जून की दोपहर उस समय घटी जब खरीक थाना के बगड़ी चौक के समीप मक्का व्यवसायी विनोद कुमार यादव अपने काम से लौट रहे थे। उसी दौरान सुमन यादव, जो उनके रिश्तेदार (साढ़ू) भी हैं, ने किसी पूर्व विवाद के चलते उन पर जानलेवा हमला करते हुए गोली चला दी। गनीमत रही कि गोली सीधे शरीर पर नहीं लगी, जिससे जान का खतरा टल गया। घटना से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
वादी का बयान
घटना के संबंध में पीड़ित मक्का व्यवसायी विनोद कुमार यादव ने खरीक थाना में आवेदन देकर बताया कि सुमन यादव पूर्व से ही कुछ विवाद को लेकर नाराज चल रहा था। उसने जान मारने की नीयत से उन पर गोली चला दी। वादी के बयान पर खरीक थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की भी धाराएं जोड़ी गईं।
पुलिस की कार्रवाई
प्राथमिकी दर्ज होते ही खरीक थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और तकनीकी व मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर सघन छापेमारी शुरू की। कुछ ही घंटे बाद पुलिस को सफलता हाथ लगी और आरोपित सुमन यादव को बगड़ी स्थित सर्विस रोड से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद थाने में कड़ाई से पूछताछ की गई, जिसमें सुमन यादव ने मक्का व्यवसायी पर गोली चलाने की बात स्वीकार की। पुलिस ने आरोपी के पास से एक देसी कट्टा और एक खोखा भी बरामद किया है, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
आरोपित को जेल भेजा गया
पुलिस ने सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए सुमन यादव को न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
क्षेत्र में चर्चा का विषय
यह घटना न केवल मक्का व्यवसायियों में बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस इतनी तत्परता न दिखाती, तो आरोपित भाग भी सकता था और स्थिति और गंभीर हो सकती थी। लोगों ने खरीक थाना की पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है और विश्वास जताया कि अपराधी अब कानून के शिकंजे से नहीं बच सकेंगे।
निष्कर्ष
खरीक थाना की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक बड़ा हादसा टालने में सफलता प्राप्त की है, बल्कि आम जनता में सुरक्षा की भावना भी मजबूत की है। पुलिस की मुस्तैदी और तकनीकी सहायता से इस प्रकार की घटनाओं पर समय रहते काबू पाया जा सकता है। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि स्थानीय पुलिस अगर सजग और सक्रिय हो तो अपराधियों के मंसूबे कभी पूरे नहीं हो सकते।
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