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बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन प्रखंड में शनिवार की रात एक निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया. निर्माणाधीन पुल ध्वस्त होने की यह हफ्ते भर के अंदर तीसरी घटना है. लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से पुल बन रहे इस पुल की शनिवार को ही ढलाई हुई थी. ढलाई के चंद घंटे बाद ही पुल ध्वस्त हो गया. घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क में लगभग 40 फुट लंबा इस पुल पर तेजी से काम चल रहा था. शनिवार को पूल का ढलाई हुआ था, जो रात में ही अचानक भरभरा कर गिर गया. इस घटना के बाद से सवाल उठने लगे हैं कि आखिर एक के बाद एक पुल कैसे ध्वस्त हो रहे हैं.

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जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क में यह पुल बन रहा था. इस आरसीसी पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था. पुल की ढ़लाई के साथ ही उसका एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया. जिसपर ग्रामीणों की नजर रविवार की सुबह पड़ी. जिसके बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इससे पुल निर्माण की गुणवत्ता पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. इसके पहले इसी सप्ताह अररिया और सीवान में दो अलग अलग पुल गिर चुके हैं. अब एक सप्ताह में मोतिहारी हादसे के बाद राज्य में तीन पुल गिरे हैं.

इसके पहले शनिवार को सिवान जिला के महराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गाँव के बीच का पुल अचानक टूट गया. जिससे दोनों गाँवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है. इस पुल के टूटने से इलाके के लोग काफी परेशान हो गए हैं, क्योंकि यह पुल दोनों गाँवों के बीच का मुख्य संपर्क साधन था. ग्रामीणों ने बताया कि गंडक विभाग द्वारा नहर की सफाई कराई गई थी, और नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंकी गई थी. इस प्रक्रिया से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया था, जिसके कारण पुल टूट गया. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई के दौरान विभाग ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया, जिससे पुल के पिलर पर अतिरिक्त भार पड़ गया और यह हादसा हो गया.

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वहीं 18 जून को अररिया जिले में एक पुल गिर गया था. बकरा नदी पर बन रहे पुल का तीन पाया अचानक से गिर गया. करीब 12 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे पुल के गिर जाने के बाद स्थानीय विधायक ने काम में अनियमितता का आरोप लगाया था. उन्होंने पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे. वहीं अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरने से स्थानीय लोगों में काफी रोष दिखा था.
बिहार के मोतिहारी का ललबेगिया पुल 18 जून, 2024 दिन मंगलवार को ध्वस्त हुआ. मोतिहारी से चिरैया, ढाका और घोड़सहान को जोड़ने वाली ललबेगिया पुल ध्वस्त हो गया है. जिसके कारण पुल के दोनों तरफ करीब 2 किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई, लेकिन वहां मौजूद स्थनीय लोगों की की मदद से छोटी वाहनों को किसी तरह पार कराया जा रहा है. लालबेगिया पुल पर 17 जून, 2024 दिन सोमवार को गड्ढा बन गया था, उस गड्ढे के पास पथ निर्माण विभाग ने घेराबंदी कर दिया था. जिसकी वजह से एक लेन से वाहनों का परिचालन किया जा रहा था. मगर, 18 जून की शाम को मोतिहारी से ढाका की तरफ जा रही लोडेड ट्रक वहां गड्ढे में जाकर फंस गई और पुल का अप्रोच ध्वस्त हो गया.
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