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भागलपुर: बिहार के सिल्क सिटी के नाम से मशहूर भागलपुर के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अहम पत्र लिखकर भागलपुर को पीएम मित्र योजना के अंतर्गत मेगा टेक्सटाइल पार्क में शामिल करने की मांग की है। इस पहल ने यहां के हजारों बुनकरों, कारीगरों और सिल्क उद्योग से जुड़े लोगों के दिलों में एक बार फिर आशा का दीप जला दिया है।

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भागलपुर का रेशमी कपड़ा देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन बीते कई वर्षों से यहां के बुनकरों और कारीगरों की स्थिति बेहद खराब रही है। न तो उनके उत्पादों को सही बाजार मिल पा रहा है, न ही सरकार की ओर से स्थायी मदद। आधुनिक तकनीक की कमी, बाजार से जुड़ाव का अभाव और कच्चे माल की लागत जैसी समस्याओं ने इस परंपरागत उद्योग को धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर ला खड़ा किया है।

हर चुनाव में बुनकरों को कई वादे और घोषणाएं सुनने को मिलती हैं, लेकिन हकीकत में उनके हालात में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया। चिराग पासवान की इस बार की सक्रियता और केंद्र सरकार तक इस मुद्दे को पहुंचाने की कोशिश ने जरूर एक सकारात्मक माहौल बनाया है। अगर भागलपुर को मेगा टेक्सटाइल पार्क का दर्जा मिल जाता है, तो इससे न सिर्फ सिल्क उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि नई तकनीक, आधुनिक मशीनें और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी यहां के उद्योग को संजीवनी देने का काम करेंगे।

पीएम मित्र योजना यानी “PM-MITRA” (Mega Integrated Textile Region and Apparel Parks) योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में टेक्सटाइल उद्योग के लिए समर्पित मेगा पार्क विकसित करना है। इन पार्कों में कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर तैयार माल के निर्यात तक सभी सुविधाएं एक ही परिसर में दी जाती हैं। इस योजना के तहत ऐसे शहरों का चयन किया जा रहा है, जहां टेक्सटाइल उद्योग की पहले से मौजूदगी हो और उसमें विस्तार की संभावना हो।

भागलपुर इन मानकों पर पूरी तरह खरा उतरता है। यहां सदियों पुरानी सिल्क की परंपरा है, हजारों परिवार पीढ़ियों से बुनकरी और कारीगरी में लगे हैं। अगर यहां मेगा टेक्सटाइल पार्क बनता है, तो इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में इस बात पर विशेष जोर दिया है कि भागलपुर न केवल एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, बल्कि सिल्क उद्योग के क्षेत्र में भी इसकी एक विशिष्ट पहचान है। यहां का टसर सिल्क, कच्चे माल से तैयार कपड़े तक की प्रक्रिया और पारंपरिक डिजाइनों की मांग देश-विदेश में बनी हुई है। मगर इन सबके बावजूद, सुविधाओं की कमी और सरकारी उपेक्षा के कारण यह क्षेत्र लगातार पिछड़ता चला गया।

बुनकरों का कहना है कि अगर यह योजना भागलपुर में लागू होती है, तो न केवल उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उनकी अगली पीढ़ी को भी इस उद्योग में टिके रहने की प्रेरणा मिलेगी। वरना अब तक यह देखा गया है कि युवा पीढ़ी इस काम से दूर हो रही है, क्योंकि इसमें मेहनत तो है लेकिन आमदनी बहुत कम।

इस पूरी पहल को लेकर अब बुनकर समुदाय और उद्योग से जुड़े व्यापारी, संगठन और जनप्रतिनिधि भी सक्रिय हो गए हैं। वे केंद्र सरकार से जल्द निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं। चिराग पासवान के इस कदम ने इस बात का संकेत जरूर दे दिया है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो वर्षों से उपेक्षित क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जा सकता है।

अब यह देखना अहम होगा कि प्रधानमंत्री कार्यालय चिराग की इस मांग पर कब और कैसे कार्रवाई करता है। अगर भागलपुर को मेगा टेक्सटाइल पार्क का दर्जा मिल जाता है, तो यह कदम यहां की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

 

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By admin

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