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बिहार के बगहा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां परिवहन विभाग की टीम पर ट्रक चालकों और वाहन मालिकों ने हमला बोल दिया। यह घटना बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मदनपुर मोड़ के पास की है, जहां बिहार परिवहन विभाग की एक टीम प्रवर्तन अवर निरीक्षक (Enforcement Sub Inspector – ESI) सत्येंद्र कुमार रजक के नेतृत्व में ओवरलोडिंग और अवैध परिवहन के खिलाफ जांच अभियान चला रही थी।

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इस दौरान अचानक ट्रक चालकों और वाहन मालिकों ने विभाग की टीम पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। हमला इतना उग्र था कि ESI सत्येंद्र कुमार रजक को लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासन और पुलिस महकमे को हिला दिया है।

**क्या था मामला?**
मदनपुर मोड़ के पास बिहार-यूपी सीमा पर परिवहन विभाग की टीम वाहनों की जांच कर रही थी। यह इलाका बालू, ईंट, गिट्टी और सीमेंट जैसे निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए जाना जाता है, जो प्रतिदिन बड़ी संख्या में यूपी से बिहार लाए जाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोडिंग और अवैध माल ढुलाई की जांच की जा रही थी।

इसी क्रम में ट्रक चालकों ने आरोप लगाया कि विभाग की टीम अवैध वसूली कर रही है। इसी आरोप के चलते गुस्साए चालकों और वाहन मालिकों ने ESI और उनकी टीम पर हमला बोल दिया। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। परिवहन कर्मियों को बचाने के लिए स्थानीय लोग बीच-बचाव करने आए, लेकिन तब तक मारपीट हो चुकी थी।

**सरकारी काम में बाधा और मारपीट का आरोप**
ESI सत्येंद्र कुमार रजक ने घटना की सूचना नौरंगिया थाना पुलिस को दी। उन्होंने बताया कि जब वे और उनकी टीम वाहनों की जांच कर रहे थे, उसी दौरान कुछ चालकों ने बदसलूकी शुरू कर दी। उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डाली और मारपीट पर उतारू हो गए। सरकारी दस्तावेज फाड़े जाने और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने के भी आरोप लगाए गए हैं।

**पुलिस की कार्रवाई**
घटना की पुष्टि करते हुए नौरंगिया थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि उन्हें ESI सत्येंद्र रजक द्वारा फोन पर घटना की जानकारी दी गई थी। उन्होंने बताया कि यह घटना गुरुवार की दोपहर की है जब परिवहन विभाग की टीम वाहनों की जांच कर रही थी। तभी चालकों और वाहन मालिकों ने अचानक टीम पर हमला कर दिया।

थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि फिलहाल पीड़ित अधिकारियों का प्राथमिक इलाज चल रहा है, इस कारण प्राथमिकी गुरुवार को दर्ज नहीं हो सकी है। शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान की जा रही है।

**इलाके में दहशत का माहौल**
इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। परिवहन विभाग के कर्मचारियों में भी भय का माहौल है और जांच अभियान को फिलहाल रोक दिया गया है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की टीम कभी-कभी निर्धारित नियमों से हटकर दबाव बनाकर वसूली करती है, जिससे ट्रक चालक अक्सर नाराज रहते हैं।

हालांकि, इस तरह की हिंसात्मक प्रतिक्रिया को किसी भी हाल में जायज नहीं ठहराया जा सकता। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

**निष्कर्ष**
बिहार और यूपी के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ते निर्माण कार्यों के चलते भारी वाहनों की आवाजाही आम हो गई है, जिससे ओवरलोडिंग, अवैध परिवहन और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी आम होती जा रही हैं। लेकिन इन सबके बीच यदि सरकारी कर्मचारियों पर हमले की घटनाएं बढ़ती हैं तो यह प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती है।

फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विभागीय स्तर पर भी इस घटना की विस्तृत जांच की बात कही जा रही है।

 

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By admin

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