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पटना से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को ही शर्मसार कर दिया है। राजधानी के दानापुर-खगौल रोड पर 6 जुलाई की देर रात स्कूल संचालक अजीत कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। अजीत की हत्या की साजिश खुद उसकी पत्नी ने रची थी।

सीटी एसपी वेस्ट भानु प्रताप सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस हत्याकांड की मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मृतक की पत्नी ही है, जिसने 10 लाख रुपये की सुपारी देकर अपने पति को मरवाया। पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने इस मामले में बड़ी तत्परता से कार्रवाई करते हुए तकनीकी साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शूटरों की पहचान की। जांच के क्रम में पुलिस ने राज्य के बाहर जाकर एक ‘लाइनर’ को गिरफ्तार किया, जिसके बयान ने इस पूरी साजिश की परतें खोल दीं।

जांच में यह भी सामने आया कि स्कूल की जो जमीन अजीत कुमार के नाम पर थी, उसे वह बेचने की योजना बना रहे थे। उनकी पत्नी, जो उसी स्कूल की सह-संचालिका थीं, इस जमीन पर अपना अधिकार चाहती थीं। जमीन के लालच में उसने अपने ही पति की हत्या की साजिश रची और सुपारी किलरों को काम पर लगा दिया।

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इस मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी और मंशु कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि घटना में इस्तेमाल की गई दो बाइक और दो मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए हैं। फिलहाल अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश में पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

सीटी एसपी वेस्ट भानु प्रताप सिंह ने बताया, “इस केस को सुलझाने में तकनीकी साक्ष्य और समय पर की गई कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण रही। सीसीटीवी फुटेज ने हमारी जांच को दिशा दी और गिरफ्तार लाइनर की सूचना से हम मास्टरमाइंड तक पहुंच सके।”

इसी बीच, राजधानी पटना के एक और चर्चित केस — गोपाल खेमका हत्याकांड में भी पटना पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। महज चार दिनों में इस केस को सुलझाने का दावा किया गया है। इस मामले में भी जमीन विवाद ही हत्या का कारण बना। पुलिस ने शूटर उमेश यादव और मास्टरमाइंड अशोक साह को गिरफ्तार किया है। इस वारदात में अशोक साह ने 4 लाख रुपये की सुपारी देकर खेमका की हत्या करवाई थी।

राजधानी पटना में लगातार हो रही सुपारी किलिंग की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। लेकिन पुलिस की सक्रियता और तकनीकी साक्ष्यों के सहारे अपराधियों तक जल्द पहुंच बनाना कानून व्यवस्था की बड़ी सफलता है।

फिलहाल अजीत हत्याकांड के अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस का दावा है कि जल्द ही बाकी अभियुक्त भी गिरफ्त में होंगे। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि लालच और जमीन जैसे विवाद कैसे रिश्तों को खून से रंग सकते हैं।

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