बिहार सरकार की ओर से नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ताजा मामला भागलपुर जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र का है, जहां नशे के खिलाफ आवाज उठाना एक बुजुर्ग को भारी पड़ गया। दरवाजे पर स्मैक पीने से मना करने पर नाराज नशेड़ियों ने दिनदहाड़े वृद्ध को घेर कर बेरहमी से पीट डाला। वृद्ध को गंभीर चोटें आई हैं और इस घटना के बाद से वह काफी डरे हुए हैं।
**मुख्य रिपोर्ट:**
घटना भवानीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। बताया जा रहा है कि गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने घर के बाहर दरवाजे पर बैठे हुए थे। उसी दौरान कुछ नशेड़ी युवक वहां आकर स्मैक पीने लगे। वृद्ध ने उन्हें ऐसा करने से रोका और समझाया कि गांव की गली और दरवाजे को नशे का अड्डा न बनाएं।
वृद्ध की ये बात नशेड़ियों को नागवार गुजरी और बात-बात में बहस शुरू हो गई। धीरे-धीरे बहस ने हिंसा का रूप ले लिया। नशे में धुत्त तीन से चार युवकों ने वृद्ध पर सामूहिक हमला कर दिया। दिन के उजाले में हुए इस हमले ने ग्रामीणों को हक्का-बक्का कर दिया। वृद्ध को पीट-पीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया गया।
**ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:**
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और किसी तरह वृद्ध को नशेड़ियों के चंगुल से छुड़ाया। ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि सरकार चाहे जितना भी अभियान चलाए, जब तक प्रशासनिक सख्ती नहीं होगी, तब तक नशेड़ियों का आतंक यूं ही बना रहेगा।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि भवानीपुर थाना क्षेत्र में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां नशे के चलते अपराध को अंजाम दिया गया है। गांव के युवक नशे के गिरफ्त में हैं और इस कारण इलाके का माहौल दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है।
**वृद्ध की हालत और बयान:**
घटना के बाद वृद्ध को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हाथ-पैर और पीठ में गंभीर चोटें आई हैं। वृद्ध ने खुद पुलिस को इस घटना की पूरी जानकारी दी है और बताया कि उन्होंने केवल नशा करने से मना किया था, जिसके बदले उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि अगर ऐसे लोगों पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में गांव में रहना मुश्किल हो जाएगा।
**पुलिस की कार्रवाई:**
घटना की जानकारी मिलते ही भवानीपुर थाने की पुलिस सक्रिय हो गई है। पुलिस ने वृद्ध के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में नशे के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाएगा और ऐसे तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
**सरकारी मुहिम पर सवाल:**
इस घटना के बाद राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अभियान सिर्फ कागजों पर है, जबकि हकीकत यह है कि गांव-गांव में नशे का जाल फैलता जा रहा है।
सरकार के लाख दावों के बावजूद स्मैक, गांजा और शराब की बिक्री और सेवन खुलेआम हो रहा है। नशे में धुत्त युवकों का आतंक अब आम लोगों की जिंदगी पर असर डालने लगा है।
**निष्कर्ष:**
यह घटना सिर्फ एक वृद्ध की पिटाई नहीं, बल्कि समाज के उस तबके की आवाज को कुचलने की कोशिश है जो नशे के खिलाफ खड़ा होता है। सवाल यह है कि जब आम आदमी अपने दरवाजे तक सुरक्षित नहीं है, तो सरकार की मुहिम का क्या असर हो रहा है?
अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है। साथ ही यह भी जरूरी है कि सरकार नशे के खिलाफ चल रहे अभियान को और प्रभावी बनाए, ताकि समाज में भय का माहौल खत्म हो और लोग खुलकर गलत के खिलाफ बोल सकें।
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