मुजफ्फरपुर: नवरात्रि के पावन अवसर पर शनिवार को मुजफ्फरपुर के खादी भंडार सभागार में आयोजित फलाहार कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने संबोधन से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। इस कार्यक्रम का आयोजन नवरात्रि की भावना और हिंदू संस्कृति के संरक्षण के संदेश के साथ किया गया था। मंत्री के स्वागत में अनोखी तैयारी की गई थी—उनके आगमन पर बुलडोजर से फूलों की बारिश कर उनका जोरदार स्वागत किया गया।
मां दुर्गा की आरती और तलवार वितरण
कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की आरती और पूजन के साथ हुई। गिरिराज सिंह ने विधिवत पूजा-अर्चना कर धार्मिक ऊर्जा का संचार किया और कार्यकर्ताओं को धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस मौके पर *कार्यकर्ताओं को तलवारें वितरित कीं* और कहा कि यह प्रतीक है सजगता, साहस और धर्म-संरक्षण का। उन्होंने सभी से एकजुट होकर हिंदू संस्कृति की रक्षा करने का आह्वान किया।
ममता बनर्जी पर हुसैन सुहरावर्दी जैसा आरोप
अपने भाषण में गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने ममता बनर्जी की तुलना 1946-47 में बंगाल के प्रधानमंत्री रहे हुसैन सुहरावर्दी से की, जो डायरेक्ट एक्शन डे और बंगाल दंगों के लिए चर्चित रहे। गिरिराज सिंह ने कहा:
“ममता बनर्जी हुसैन सुहरावर्दी की राह पर चल रही हैं। डायरेक्ट एक्शन प्लान की तरह उनकी नीतियां हिंदू विरोधी हैं, जो बंगाल में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही हैं। आज देश में कई जिन्ना मौजूद हैं।”
गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की नीतियां हिंदू समाज को विभाजित करने वाली हैं और वह बंगाल में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि “एक जिन्ना ने भारत को तोड़कर पाकिस्तान और बांग्लादेश बनाया, आज देश में कई जिन्ना मौजूद हैं जो समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।”
भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप पर जोर
गिरिराज सिंह ने अपने भाषण में धार्मिक उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा कि लोग भगवान कृष्ण के माखन चोर और बांसुरी बजाने वाले स्वरूप की पूजा तो करते हैं, लेकिन उनके सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप को नजरअंदाज कर देते हैं। यही कारण रहा कि भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर कब्जा हो गया।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सजग, संगठित और सशक्त रहें।
लालू-तेजस्वी पर हमला – “तेजस्वी कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे”
कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में गिरिराज सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “लालू यादव के लिए ‘दिल के अरमां आंसुओं में बह गए’ गाना बिल्कुल सटीक बैठता है। तेजस्वी यादव कभी बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।”
इस बयान ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है।
गांधी परिवार पर तंज
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के गांधी परिवार को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि “नेहरू से लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने महिलाओं के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया।”
इसके विपरीत, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं ने महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
“लाखपति दीदी” योजना को बताया क्रांतिकारी
केंद्रीय मंत्री ने “लाखपति दीदी” योजना को महिलाओं के लिए *क्रांतिकारी पहल* बताया। उन्होंने कहा कि “यह योजना केवल 75 हजार करोड़ की नहीं, बल्कि 75 लाख करोड़ की भी हो सकती है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने का सुनहरा अवसर है।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि इस योजना को जन-जन तक पहुंचाएं ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।
राजनीतिक संदेश और धार्मिक प्रतीकवाद
कार्यक्रम में गिरिराज सिंह का भाषण राजनीतिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने एक ओर जहां हिंदू संस्कृति और धर्म-संरक्षण की बात की, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों पर तीखे हमले किए। ममता बनर्जी को हुसैन सुहरावर्दी से जोड़ना, जिन्ना का जिक्र करना, और लालू-तेजस्वी पर निशाना साधना—इन सबने इस कार्यक्रम को चर्चा का केंद्र बना दिया।
निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर के इस कार्यक्रम ने साफ कर दिया कि नवरात्रि जैसे धार्मिक अवसरों पर भी राजनीति का रंग गहराता जा रहा है। गिरिराज सिंह ने मां दुर्गा की आरती और तलवार वितरण के जरिए कार्यकर्ताओं को धार्मिक चेतना से जोड़ने की कोशिश की, वहीं अपने बयानों से विपक्ष पर वार किया।
ममता बनर्जी पर हुसैन सुहरावर्दी जैसी टिप्पणी, जिन्ना का संदर्भ, लालू-तेजस्वी पर हमले, गांधी परिवार पर तंज और “लाखपति दीदी” योजना की सराहना—इन सबने मिलकर इस कार्यक्रम को राजनीतिक संदेश से भर दिया।
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