भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड में नामांतरण से संबंधित एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें दस्तावेज में जानबूझकर की गई छेड़छाड़ का खुलासा हुआ है। इस मामले को लेकर अंचल पदाधिकारी (सीओ) रवि कुमार ने सुल्तानगंज थाना में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप है कि प्रमिला देवी, पति रमेश मंडल, निवासी पिलदौरी, ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर नामांतरण की प्रक्रिया में धोखाधड़ी करने की कोशिश की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रमिला देवी ने सुल्तानगंज अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज के लिए एक नामांतरण आवेदन दाखिल किया था। यह आवेदन नामांतरण दादा संख्या 41/2024-25 के तहत दिया गया था, जो नगर परिषद वार्ड संख्या एक स्थित मौजा में खाता संख्या 213 एवं खेसरा संख्या 3 के लिए था। आवेदन में भूमि का रकवा 1 एकड़ 84.25 डेसिमल दिखाया गया था।

प्रमिला देवी की ओर से जो केवाला रजिस्ट्री प्रस्तुत की गई, उसमें पुराने खेसरा से नए खेसरा का मिलान करते हुए अंचल अमीन द्वारा एक रिपोर्ट संलग्न की गई थी। उस रिपोर्ट में यह दर्शाया गया था कि आवेदिका का उपरोक्त जमीन पर पूर्ण दखल है। लेकिन जब इस रिपोर्ट की गहराई से जांच की गई, तो अंचल पदाधिकारी को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी छानबीन करवाई।
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि वास्तविकता में प्रमिला देवी का कब्जा केवल 1 एकड़ 10.50 डेसिमल भूमि पर ही है, जबकि रिपोर्ट में 1 एकड़ 84.25 डेसिमल दर्शाया गया था। इस संबंध में अंचल अमीन रश्मि कुमारी से स्पष्टीकरण मांगा गया कि किस आधार पर उन्होंने आवेदिका के हिस्से से अधिक भूमि पर दखल बताया।
अंचल अमीन रश्मि कुमारी ने लिखित रूप में बताया कि जो अमीन रिपोर्ट दाखिल की गई थी, उसमें छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मूल रिपोर्ट में 1 एकड़ 10.50 डेसिमल रकवा था, लेकिन उसमें बाद में परिवर्तन कर 1 एकड़ 84.25 डेसिमल कर दिया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि आवेदिका ने जानबूझकर गलत जानकारी के आधार पर दस्तावेजों में हेराफेरी की है, जिससे ज्यादा जमीन अपने नाम करवाने की कोशिश की गई।
इस गंभीर अनियमितता को देखते हुए सीओ रवि कुमार ने प्रमिला देवी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में यह उल्लेख किया गया है कि आवेदिका ने न केवल दस्तावेजों में धोखाधड़ी की, बल्कि सरकारी प्रक्रिया को भी भ्रामक बनाया और अपने पक्ष में अवैध लाभ लेने का प्रयास किया।
मामले में यह भी सामने आया है कि जिन जमीनों पर प्रमिला देवी ने दावा किया था, वह भूमि वास्तव में शिवम चौधरी की माता और बड़ी माता के नाम पर खतियान में दर्ज है। ऐसे में प्रमिला देवी का दावा पूरी तरह से गलत और अवैध पाया गया।
यह मामला अब पुलिस और प्रशासनिक जांच के दायरे में है और संबंधित विभाग इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर रहा है। अंचल कार्यालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
सीओ रवि कुमार ने कहा कि सरकारी दस्तावेजों और भूमि संबंधी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। ऐसे किसी भी प्रयास को, जो सरकारी व्यवस्था को धता बताकर अवैध लाभ लेने की मंशा रखता हो, सख्ती से कुचला जाएगा।
सुल्तानगंज थाना में दर्ज इस प्राथमिकी के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है और आमजन के बीच यह संदेश गया है कि सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर अब कानून का शिकंजा कस रहा है।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
दहेज लोभियों ने ले ली 26 बर्षीय युवती की जान

