बिहार के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को घोषणा की कि अगर महागठबंधन की सरकार सत्ता में आती है, तो टीआरई-4 (शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा) की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।

तेजस्वी यादव ने कहा कि जब उनकी पार्टी राजद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का हिस्सा थी, तब टीआरई-1 और टीआरई-2 के माध्यम से दो लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति बिना किसी पेपर लीक के की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि नई सरकार ने मार्च में टीआरई-4 के तहत 1.27 लाख पदों पर भर्ती करने की घोषणा की थी, लेकिन अचानक पदों की संख्या घटा दी गई। तेजस्वी ने इसे मुख्यमंत्री के वादाखिलाफी और पलटी खाने का उदाहरण बताया।

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर कहा, “जैसे ही हमारी सरकार बनेगी, टीआरई-4 भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।” उन्होंने बताया कि टीआरई-1 और टीआरई-2 के माध्यम से कुल 2.40 लाख शिक्षक नियुक्त किए गए, जबकि टीआरई-3 में 66,603 पदों पर नियुक्ति हुई। इस भर्ती प्रक्रिया का संचालन बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) करता है।

इसके अलावा तेजस्वी यादव ने पहले भी घोषणा की है कि यदि महागठबंधन की सरकार बने, तो राज्य के हर ऐसे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जिसके पास फिलहाल कोई सरकारी नौकरी नहीं है। उन्होंने इसे बेरोजगारी से लड़ने और युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने का एक बड़ा कदम बताया।

तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकारी नौकरी केवल लाभ नहीं, बल्कि सेवा और समाज में योगदान का अवसर है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे महागठबंधन को सत्ता में लाकर शिक्षकों की भर्ती और युवाओं को रोजगार देने के उनके वादों को पूरा करने में सहयोग करें।

इस घोषणा से यह साफ हो गया है कि शिक्षकों की भर्ती और सरकारी नौकरी के अवसर महागठबंधन के चुनावी एजेंडे का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा राजनीतिक बहस और मतदाताओं की प्राथमिकताओं में अहम स्थान रखेगा।

 

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