राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह राजनीति नहीं बल्कि उनका भावनात्मक रूप है। सोशल मीडिया पर अनुष्का यादव के साथ एक तस्वीर वायरल होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए तेज प्रताप को पार्टी और परिवार दोनों से बाहर कर दिया। इस अप्रत्याशित फैसले के बाद तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश लिखकर अपनी भावनाएं जाहिर कीं।
तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में ही समाई है। भगवान से बढ़कर हैं आप और आपका दिया कोई भी आदेश। आप हैं तो सबकुछ है मेरे पास। मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए, ना कि कुछ और। पापा, आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग। बस मम्मी-पापा, आप दोनों स्वस्थ और खुश रहें हमेशा।”

तेज प्रताप का यह संदेश उनके टूटे हुए मन की तस्वीर पेश करता है। राजनीति में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे तेज प्रताप का इस तरह से पार्टी और परिवार से बाहर निकाला जाना निश्चित रूप से उनके लिए एक बड़ा झटका है। इससे पहले भी तेज प्रताप अपने बयानों और अलग अंदाज़ को लेकर सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा गंभीर लगता है।
तेज प्रताप का यह भावनात्मक पोस्ट ना केवल उनके माता-पिता के प्रति उनके असीम प्रेम को दर्शाता है, बल्कि उनके भीतर की पीड़ा और असुरक्षा को भी उजागर करता है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर उन लोगों पर निशाना साधा है जो, उनके अनुसार, पार्टी के भीतर उन्हें नीचा दिखाने और नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को पार्टी की आत्मा बताया और ये भी इशारा किया कि कुछ ‘जयचंद’ जैसे लोग राजनीति में केवल स्वार्थ के लिए आए हैं।
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने अभी तक तेज प्रताप के इस भावनात्मक संदेश पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह मामला अब केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन चुका है। राजद के भीतर यह घटनाक्रम भविष्य में कई बदलाव ला सकता है।
राजनीति में जहां शक्ति और समीकरणों का खेल होता है, वहीं ऐसे भावनात्मक क्षण यह दिखाते हैं कि नेता भी इंसान होते हैं, जिनके दिल में अपने माता-पिता और परिवार के लिए गहरा प्यार होता है। तेज प्रताप यादव का यह संदेश शायद उन्हें दोबारा परिवार और पार्टी की मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी हो सकता है, लेकिन आगे क्या होगा, यह देखना अभी बाकी है।
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