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सहरसा जिले की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित और सुचारु बनाने के उद्देश्य से हाल ही में नव नियुक्त डीएसपी ट्रैफिक, ओमप्रकाश ने पदभार ग्रहण कर लिया है। यह उनकी पहली फील्ड पोस्टिंग है, और उन्हें सहरसा जैसे महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी दी गई है। मूल रूप से सीतामढ़ी जिले से ताल्लुक रखने वाले ओमप्रकाश 2022 बैच के युवा और ऊर्जावान पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि वे फिलहाल सहरसा शहर की यातायात व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को नजदीक से समझने और विश्लेषण करने में जुटे हुए हैं।

डीएसपी ओमप्रकाश ने अपने प्राथमिक निरीक्षण के आधार पर शहर में ट्रैफिक अव्यवस्था के कई प्रमुख कारणों को चिन्हित किया है। उन्होंने विशेष रूप से रेलवे गुमटी (फाटक) बंद होने के बाद उत्पन्न जाम की समस्या को गंभीर बताया। उनके अनुसार, जब भी ट्रेन गुजरने के कारण फाटक बंद होता है, तो दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे आमजन को भारी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि जाम की स्थिति केवल समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि इससे एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं में भी बाधा उत्पन्न होती है।

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ओमप्रकाश ने आगे बताया कि सड़कों पर दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर सामान फैला देना, वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी ट्रैफिक जाम के प्रमुख कारण हैं। कई दुकानदार अपनी दुकानों का सामान सड़क तक फैला देते हैं, जिससे पैदल यात्रियों और वाहनों दोनों को परेशानी होती है। वहीं, कुछ वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।

ई-रिक्शा चालकों के व्यवहार पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए डीएसपी ने कहा कि कई चालक बिना लाइसेंस या पहचान पत्र के चलते हैं। वे जहां-तहां सवारी चढ़ाने और उतारने के लिए अचानक ब्रेक लगा देते हैं, जिससे सड़क पर अव्यवस्था फैलती है। इसके अलावा, चौक-चौराहों पर उनकी भीड़ ट्रैफिक को बाधित करती है।

डीएसपी ओमप्रकाश का मानना है कि केवल पुलिस बल के प्रयास से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाना संभव नहीं है। इसके लिए आम नागरिकों का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “हमारे पास जितनी भी पुलिस फोर्स है, वह हर गली, हर मोड़ पर तैनात नहीं हो सकती। जब तक नागरिक खुद अनुशासित नहीं होंगे और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक व्यवस्था सुधरना मुश्किल है।”

उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वे सड़कों पर अवैध पार्किंग से बचें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अतिक्रमण न करें। दुकानदारों से भी उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपना सामान केवल अपनी दुकान की सीमा तक ही रखें और पैदल यात्रियों के लिए रास्ता खुला छोड़ें।

डीएसपी ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले दिनों में ट्रैफिक सुधार के लिए सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत चालान काटने से लेकर वाहन जब्ती तक की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि तकनीकी सहायता और आधुनिक निगरानी प्रणाली की भी योजना बनाई जा रही है। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से प्रमुख चौराहों की निगरानी की जाएगी, ताकि ट्रैफिक नियंत्रण अधिक प्रभावी और पारदर्शी हो सके।

**नवीन ऊर्जा के साथ शुरुआत:**
ओमप्रकाश की यह पहली फील्ड पोस्टिंग है और वे इसे एक चुनौती के रूप में ले रहे हैं। उनका कहना है कि वे जनता से संवाद बनाकर, समस्याओं को समझकर और भागीदारी के साथ समाधान निकालने में विश्वास रखते हैं। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता और कड़ी निगरानी प्रमुख होगी।

सहरसा की जनता को अब उम्मीद है कि युवा डीएसपी की यह पहल शहर की वर्षों पुरानी ट्रैफिक समस्याओं को कम करने में सहायक सिद्ध होगी। यदि प्रशासन और जनता मिलकर कार्य करें, तो सहरसा को एक अनुशासित और व्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था देना संभव है।

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