बिहार के सहरसा जिले से एक बेहद दर्दनाक और रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। सहरसा के सौरबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत हनुमान नगर चकला गांव में मंगलवार की सुबह तेज रफ्तार कार ने मॉर्निंग वॉक पर निकले एक बुजुर्ग दंपती को जोरदार टक्कर मार दी। इस भयावह हादसे में पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पति को कार चालक करीब 20 किलोमीटर तक घसीटता हुआ ले गया, जिससे उसकी भी दर्दनाक मौत हो गई।
घटना की शुरुआत: मॉर्निंग वॉक के दौरान हुआ हादसा
हादसा उस समय हुआ जब बुजुर्ग दंपती हनुमान नगर चकला गांव में रोज की तरह सुबह की सैर पर निकले थे। तभी तेज गति से आ रही एक कार ने दोनों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पति भरत राम गाड़ी में फंस गए और चालक उन्हें कार के साथ लगभग 20 किलोमीटर तक घसीटता ले गया।
शातिर चालक का अपराध: शव को बोरे में भरकर डिक्की में छिपाया
घटना के बाद चालक वहां नहीं रुका। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कार लेकर भाग निकला। रास्ते में सदर थाना क्षेत्र के शिवपुरी इलाके में अपने एक मित्र के घर गाड़ी रोककर बोरा लिया और उसमें बुजुर्ग भरत राम के शव को डालकर कार की डिक्की में रख लिया। इसके बाद वह बलवाहाट थाना क्षेत्र होते हुए कनरिया थाना अंतर्गत मटखोड़ा गांव के एक बहियार में गया और शव को वहीं मिट्टी में दबाकर फरार हो गया।

परिजनों का विरोध और एफआईआर दर्ज
घटना की जानकारी मिलते ही मृतक महिला के परिजनों में कोहराम मच गया। उन्होंने महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। भरत राम लापता थे, इसलिए मामला और भी रहस्यमय बन गया था। मृतक के बेटे बुटन कुमार ने सौरबाजार थाना में मामला दर्ज कराया। पुलिस को शक था कि यह हादसा नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश हो सकती है।
सीसीटीवी फुटेज बना सुराग, पुलिस ने की शव की बरामदगी
सहरसा पुलिस अधीक्षक (एसपी) हिमांशु के निर्देश पर सदर एसडीपीओ आलोक कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया। टीम ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और कार की पहचान कर ली। गाड़ी के नंबर के आधार पर जांच आगे बढ़ी और आखिरकार कनरिया थाना के मटखोड़ा बहियार से भरत राम का शव बरामद कर लिया गया।
शव की हालत देख कांप उठी पुलिस टीम
जब पुलिस ने शव को बरामद किया तो उसकी हालत बेहद खराब थी। शव कार में फंसने के कारण बुरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था और मिट्टी में दबाए जाने से सड़ चुका था। इस पूरे घटनाक्रम ने जिले में सनसनी फैला दी।
गाड़ी गिफ्ट में मिली थी, आरोपी का पिता है ठेकेदार
जांच के दौरान पता चला कि यह कार सहरसा के गंगजला वार्ड नंबर 16 निवासी एक व्यक्ति की थी, जिसे उसके ससुर ने गिफ्ट में दिया था। आरोपी चालक के पिता बलवाहाट और कनरिया क्षेत्रों में ठेकेदारी करते हैं। पुलिस का मानना है कि परिवार का प्रभाव क्षेत्र में काफी है, इसीलिए चालक ने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया और फरार हो गया।

गिरफ्तारी और छापेमारी
इस मामले में पुलिस ने बिहरा थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव निवासी सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। सुनील पर आरोप है कि उसने शव को छिपाने में चालक की मदद की थी। वहीं मुख्य आरोपी चालक की तलाश के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस का बयान
सदर एसडीपीओ आलोक कुमार ने मीडिया को बताया,
“इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। चालक ने सिर्फ दुर्घटना नहीं की बल्कि शव को छिपाने के लिए सुनियोजित साजिश रची। हमने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जल्द ही मुख्य आरोपी भी सलाखों के पीछे होगा।”
निष्कर्ष:
सहरसा की यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि तेज रफ्तार और लापरवाही की कीमत आम जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। साथ ही यह मामला यह भी दर्शाता है कि अपराध के बाद किस तरह आरोपी साक्ष्य मिटाने और बच निकलने की योजना बनाते हैं। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और कड़ी सजा ही पीड़ितों को न्याय दिला सकती है।\
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