नवगछिया (गोपालपुर)। गोपालपुर थाना क्षेत्र के लतरा गांव में शुक्रवार को पैतृक जमीन के बंटवारे को लेकर दो भाइयों और भतीजे के बीच चल रहा पुराना विवाद अचानक हिंसक हो गया। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के वकील यादव के पुत्र मंगल यादव की बेरहमी से पिटाई कर दी गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया।

परिजनों द्वारा घायल मंगल यादव को आनन-फानन में अनुमंडल अस्पताल नवगछिया में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। घायल मंगल यादव को हाथ, पैर, कमर और सीने में गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने बताया कि करीब 40 वर्ष पूर्व पैतृक संपत्ति का विधिवत रूप से बंटवारा हुआ था। बावजूद इसके उनके भाई ग़ज्जा यादव और भतीजा सुद्धा यादव अब तक इस बंटवारे को मानने को तैयार नहीं हैं और बार-बार जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं।
मंगल यादव का कहना है कि शुक्रवार को जब वे अपने हिस्से की जमीन पर काम कर रहे थे, तभी ग़ज्जा यादव और सुद्धा यादव वहां पहुंचे और अचानक मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से उन पर हमला कर दिया। आसपास के ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह उनकी जान बचाई जा सकी।
वहीं, इस मामले में जब गोपालपुर थानाध्यक्ष मिथलेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस को इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। जैसे ही पीड़ित पक्ष की ओर से आवेदन प्राप्त होगा, वैसे ही मामले की जांच कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। थानाध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जमीन विवाद जैसे मामलों में आपसी सहमति से समाधान होना चाहिए, लेकिन हिंसा का रास्ता अपनाना पूरी तरह गलत है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस घटना को लेकर लतरा गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पुरानी संपत्ति का विवाद अब हिंसा में बदल गया है, जिससे शांति भंग हो रही है। लोगों ने प्रशासन से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है ताकि आगे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
घटना के बाद पुलिस गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क हो गई है। पीड़ित परिवार ने भी थाने में लिखित आवेदन देने की तैयारी शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी तत्परता दिखाता है
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