सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत झपरा टोला, वार्ड नंबर 31 निवासी राधे शर्मा ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए अंचल अधिकारी एवं सदर थाना को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित राधे शर्मा का कहना है कि उनके पिता, जो उम्र में काफी वृद्ध और मानसिक रूप से कमजोर हैं, को गांव के ही कुछ असामाजिक तत्वों ने मिलकर जबरन गाड़ी में बैठाया और षड्यंत्रपूर्वक उनके नाम की बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री करवा ली।
पीड़ित राधे शर्मा के अनुसार, यह घटना 23 मार्च की है, जब उनके पिता को गांव के पवन शर्मा, संजीव शर्मा, हीरा शर्मा समेत करीब 10 लोगों ने बहला-फुसलाकर या जबरन एक गाड़ी में बैठाया और जमीन रजिस्ट्री कार्यालय ले गए। वहां उनके पिता से 7 कट्ठा जमीन का केवाला (रजिस्ट्री) नंबर 4471, दिनांक 23 मार्च को करा लिया गया। उक्त जमीन सहरसा अंदर मौजा में स्थित है, जिसका खाता संख्या 1439 और खेसरा संख्या 5189 तथा 5190 है।

राधे शर्मा का कहना है कि इस जमीन की रजिस्ट्री में न तो उनकी सहमति ली गई, न ही उनके पिता की स्थिति को देखते हुए यह रजिस्ट्री स्वेच्छा से कही जा सकती है। उन्होंने इस रजिस्ट्री को पूरी तरह अवैध बताते हुए इसे तत्काल रद्द करने तथा आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
राधे शर्मा ने आगे बताया कि उनके पिता की मानसिक और शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे स्वयं किसी कागजी प्रक्रिया को समझ सकें या संपत्ति के लेनदेन का निर्णय ले सकें। ऐसे में यह स्पष्ट है कि षड्यंत्रपूर्वक उन्हें धोखे में रखकर, या दबाव डालकर, यह जमीन हथियाने की कोशिश की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह जमीन पारिवारिक है और इसके ऊपर उनका और उनके परिवार का वर्षों से स्वामित्व रहा है।
इस गंभीर आरोप के संबंध में जब कहरा अंचलाधिकारी सौरभ कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले में पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस जमीन से संबंधित दाखिल-खारिज वाद प्रस्तुत नहीं किया गया है। अगर पीड़ित द्वारा वाद दायर किया जाता है, तो सभी दस्तावेजों और परिस्थिति की गहन जांच की जाएगी और उसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, स्थानीय लोगों में भी इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ लोगों का कहना है कि गांव में ऐसे जमीन हथियाने के कई मामले पहले भी सामने आए हैं, जहां बुजुर्गों को निशाना बनाकर धोखाधड़ी की जाती है।
इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि किस तरह एक वृद्ध व्यक्ति से बिना उचित सत्यापन के जमीन की रजिस्ट्री की जा सकती है। पीड़ित राधे शर्मा ने जिला पदाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक को इस संबंध में आवेदन देने की बात कही है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले को कितनी तत्परता से लेता है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कितना सफल होता है। यदि यह आरोप सत्य सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चिंताजनक स्थिति है।
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