बिहार के सारण जिले में मंगलवार तड़के एक भीषण सड़क हादसे ने सबको दहला दिया। विधानसभा चुनाव ड्यूटी पर जा रहे CISF जवानों से भरी बस को एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने ज़ोरदार टक्कर मार दी। यह हादसा छपरा-सीवान मुख्य मार्ग (NH-531) पर रसूलपुर थाना क्षेत्र के पाण्डेय छपरा गांव के पास हुआ। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और जवानों की चीख-पुकार से इलाका गूंज उठा।

जानकारी के मुताबिक, हादसा मंगलवार की सुबह करीब 3 बजे हुआ। बस में कुल 40 CISF जवान सवार थे, जो दिल्ली से ट्रेन द्वारा सीवान स्टेशन पहुंचे थे। वहां से वे बस के माध्यम से छपरा जिले के डोरीगंज में चुनावी ड्यूटी के लिए जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे तेज़ रफ्तार ट्रक ने बस में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज़ थी कि कई जवान सीटों से उछलकर नीचे गिर पड़े और कुछ बस में ही फंस गए।

स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और बचाव कार्य शुरू किया। एकमा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से घायल जवानों को बस से निकालकर नज़दीकी एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। वहां प्रारंभिक उपचार के बाद 28 गंभीर रूप से घायल जवानों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) रेफर किया गया, जबकि 7 जवानों का इलाज छपरा सदर अस्पताल में चल रहा है।

हादसे की सूचना मिलते ही सारण रेंज के डीआईजी नीलेश कुमार, एसएसपी, एडीपीओ राजकुमार, और स्थानीय थाना प्रभारी समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लिया और घायल जवानों की स्थिति की जानकारी ली।

एडीपीओ राजकुमार ने बताया कि यह बस सीवान से छपरा की ओर जा रही थी, जिसमें दिल्ली से आए CISF जवान सवार थे। वे आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की ड्यूटी पर डोरीगंज पहुंचने वाले थे। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना एकमा की ओर से आ रहे ट्रक की लापरवाही के कारण हुई। ट्रक की टक्कर के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह टूट गया और कई जवान उसमें फंस गए थे, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया।

हादसे के बाद NH-531 मार्ग पर कई घंटे तक जाम की स्थिति रही। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है, जबकि चालक मौके से फरार बताया जा रहा है।
प्रशासन ने बताया कि सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह घटना उस समय हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं, और चुनावी सुरक्षा व्यवस्था में लगे जवान लगातार अलग-अलग जिलों में भेजे जा रहे हैं। ऐसे में यह हादसा न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बना है, बल्कि चुनावी प्रबंधन की दृष्टि से भी एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

फिलहाल, घायलों की हालत पर प्रशासन की सतत निगरानी रखी जा रही है और डीआईजी नीलेश कुमार ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि घायल जवानों के इलाज में किसी भी तरह की कमी नहीं होने दी जाएगी।

 

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