महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी की डिफेंडिंग चैंपियन भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने खिताब का बचाव करते हुए लगातार दूसरी बार खिताब जीता। वहीं, तीसरी बार टूर्नामेंट का फाइनल खेलने वाली चीन के हाथ एकबार फिर खाली रहे। भारतीय हॉकी टीम ने चीन को 1-0 से हराया। यह टूर्नामेंट बिहार के राजगीर हॉकी स्टेडियम में खेला गया। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं गंवाया।
पहले क्वार्टर में चीन ने आक्रामक शुरुआत की। हालांकि, जल्दी ही भारतीय टीम अटैकिंग पोजिशन ले ली। चीन ने लीग स्टेज की गलतियों से सीखते हुए अलग रणनीत के साथ उतरी है। भारत, चीन के डी में एंट्री करने की पूरी कोशिश की लेकिन, सफल नहीं हुए है। पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। दूसरे क्वार्टर में चीन ने अटैक किया। हालांकि, भारतीय डिफेंस ने करारा जवाब दिया।
चीन ने 18वें मिनट में सर्कल एंट्री करते हुए अपना पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। जुएलिंग जेंग ने ड्रैगफ्लिक लिया, लेकिन भारतीय डिफेंस ने रोक दिया और उसे रिबाउंड पर एक और मौका मिला, लेकिन इस बार गोलकीपर बिचू देवी ने डाइविंग करके उसे बचा लिया। भारतीय गोलकीपर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। 19वें मिनट में डेंग किउचन को पीला कार्ड मिला और भारत ने पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया।
हालांकि, दीपिका इसका फायदा नहीं उठा सकीं। इसके बाद भारत को तीन बैक-टू-बैक पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन एक भी फायदा नहीं उठा सकीं। हाफ टाइम तक भारत और चीन एक भी गोल नहीं कर सके और स्कोर शून्य रहा। 31वें मिनट में भारत के लिए पहला गोल आया। सलीमा टेटे के बेहतरीन इंजेक्टर किया और दीपिका ने धैर्य दिखाते हुए बेहतरीन गोल दागा।
भारत की स्टार दीपिका को 41वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला। हालाकं, चाइनीज गोलकीपर ली टिंग ने बेहतरीन बचाव करके भारत को 2-0 की बढ़त लेने से रोक दिया। स्ट्रोक मिस करने के बाद दीपिका निराश दिखीं। 48वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारत एक फिर नाकाम रहा। सलीमा ने इंजेक्ट किया और सुशीला गोल करने से चूक गईं। इसके बाद कोई गोल नहीं हुआ और भारत ने लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा जमाया।
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