बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन अंतिम चरण में है। दिल्ली में होने वाली एनडीए के घटक दलों की अहम बैठक टल गई है। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान की ओर से अब तक ‘हरी झंडी’ नहीं मिलने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई।

🔸 चिराग के कारण टली बैठक?

जानकारी के अनुसार, एनडीए की सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व के साथ चर्चा होनी थी। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा भी बैठक के लिए दिल्ली रवाना होने वाले थे, लेकिन अंतिम क्षणों में कार्यक्रम टल गया। फिलहाल, पटना में ही एनडीए के सभी घटक दलों के शीर्ष नेता मौजूद हैं। चिराग पासवान भी पटना पहुंच चुके हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा के आज शाम तक पहुंचने की संभावना है।
ऐसे में माना जा रहा है कि आज या कल तक एनडीए में सीटों को लेकर सहमति बन सकती है।

🔸 चिराग पासवान की मांग क्या है?

लोजपा (रामविलास) के सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान ने दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े से हुई मुलाकात के दौरान 25 विधानसभा सीटों की सूची सौंपी है। इसके साथ ही उन्होंने एक विधान परिषद और एक राज्यसभा सीट की भी मांग की है।


जानकारी के मुताबिक, लोजपा (आर) ने उन विधानसभा सीटों पर दावेदारी की है, जो 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पांच लोकसभा सीटों के तहत आती हैं। इतना ही नहीं, चिराग पासवान की पार्टी ने भाजपा, जदयू और हम (सेक्युलर) की कुछ मौजूदा सीटों पर भी दावा ठोका है, जिससे अंदरूनी असहमति बढ़ गई है।

🔸 कौन-कौन सी सीटें चाह रही लोजपा (आर)?

लोजपा (आर) जिन प्रमुख सीटों की मांग कर रही है, उनमें शामिल हैं —

गोविंदगंज सीट (पूर्व मंत्री राजू तिवारी के लिए)
वैशाली और लालगंज सीट
महुआ सीट
चकाई सीट (जहां वर्तमान में सुमित सिंह विधायक हैं)
मटिहानी सीट, जिस पर लोजपा ने 2020 में जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में विधायक राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए थे। अब लोजपा इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

मटिहानी सीट के वर्तमान विधायक मंगलवार को जदयू नेता संजय झा से भी उनके आवास पर मिले थे, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
इसके अलावा, चिराग पासवान हम पार्टी की सिकंदरा सीट पर भी दावा ठोक रहे हैं। यही वजह है कि सीट शेयरिंग का पेंच अब सिर्फ लोजपा (आर) के इर्द-गिर्द घूम रहा है।

🔸 मांझी और कुशवाहा की स्थिति

एनडीए के अन्य घटक दलों में समझौते की तस्वीर अब लगभग साफ हो चुकी है।

जीतन राम मांझी की पार्टी हम (सेक्युलर) को 8 सीटें दिए जाने की संभावना है।
वहीं उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) को 7 सीटें मिल सकती हैं।

सूत्र बताते हैं कि मांझी 10 सीटों की मांग पर अड़े थे, लेकिन बीजेपी-जदयू नेतृत्व के समझाने के बाद वे मान गए हैं। फिलहाल, एनडीए के भीतर असल ‘पेंच’ केवल चिराग पासवान को लेकर है।

🔸 बीजेपी नेतृत्व सुलझाने में जुटा

बीजेपी नेतृत्व ने एनडीए के अंदर जारी इस गतिरोध को खत्म करने के लिए लगातार बातचीत तेज कर दी है। धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े को सीट शेयरिंग का जिम्मा सौंपा गया है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि आज नहीं तो कल सीटों का ऐलान कर दिया जाएगा।

हालांकि, चिराग पासवान की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर किए गए हालिया पोस्ट से यह स्पष्ट है कि वे समझौते में जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं।

🔸 निष्कर्ष

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।
जहां मांझी और कुशवाहा जैसे छोटे सहयोगियों को मनाने में बीजेपी सफल होती दिख रही है, वहीं चिराग पासवान की मांगें अभी भी गठबंधन के समीकरण को उलझा रही हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आज एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम सहमति बन पाती है या नहीं।

 

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