सहरसा जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। नवहट्टा थाना क्षेत्र के चंद्रयान पंचायत में बीती रात अज्ञात चोरों ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया, जो न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज की संवेदनहीनता की भी पराकाष्ठा है।

वार्ड नंबर 12 के निवासी कप्पो यादव और भूमि यादव की कुल 9 भैंसें बीती रात दरवाजे पर बंधी थीं। कप्पो यादव के मुताबिक, रात लगभग 1 बजे तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन जब वे तड़के सुबह 3 बजे उठे तो देखा कि दरवाजे से सभी भैंसें गायब थीं। पहले तो उन्हें भ्रम हुआ, लेकिन जब आसपास खोजबीन की गई और गांववालों से पूछताछ की गई, तो अंदेशा हुआ कि भैंसों की चोरी हुई है।
घटना की जानकारी तत्काल नवहट्टा थाना को दी गई। पुलिस की शुरुआती जांच और ग्रामीणों की सतर्कता से यह जानकारी मिली कि चोरी की गई भैंसों को एक पिकअप वैन में लादकर फारबिसगंज की ओर ले जाया गया है। पीड़ित तत्काल वहां पहुंचे और फारबिसगंज स्थित एक मांस फैक्ट्री तक पहुंचे, जहां उन्होंने उसी पिकअप वैन को खड़ा पाया जिसमें भैंसों को ले जाया गया था।
वहां मौजूद फैक्ट्री के मुंशी ने यह स्वीकार किया कि कुछ देर पहले ही भैंसें यहां लाई गई थीं। पीड़ितों ने भी अपनी भैंसों की पहचान कर ली। यह देखकर पीड़ितों को थोड़ी राहत मिली, लेकिन यह राहत ज्यादा देर टिक नहीं पाई। पुलिस को सूचना देने के बाद जब पीड़ित फैक्ट्री के अंदर पहुंचे तो वहां का दृश्य देख उनके होश उड़ गए। सभी 9 भैंसों को बेरहमी से काट दिया गया था — और यह सब उनके सामने हुआ। इस अमानवीय कृत्य ने पीड़ितों को अंदर से झकझोर कर रख दिया। कप्पो यादव और भूमि यादव फूट-फूटकर रोने लगे। वे अपनी आंखों से अपने जीवन भर की कमाई को यूं मिटते देख केवल लाचार बनकर रह गए।
सूचना मिलते ही नवहट्टा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक चोर को गिरफ्तार कर लिया और पिकअप वैन को भी जब्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस बाकी फरार अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
घटना को लेकर इलाके में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि जानबूझकर एक पशुपालक परिवार को बर्बाद करने की साजिश है। भैंसें केवल जानवर नहीं होतीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और परिवार की रोजी-रोटी का अहम हिस्सा होती हैं। पीड़ितों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह घटना न केवल सहरसा पुलिस की सतर्कता की परीक्षा है, बल्कि सरकार और समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि पशु संपत्ति की रक्षा और ग्रामीणों की आजीविका की सुरक्षा अब एक बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस अमानवीय कृत्य पर कठोर से कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई पशुपालक अपने दरवाजे पर अपने मवेशियों को लेकर असुरक्षित महसूस न करे।
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