बिहार में हाल के दिनों में पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. अररिया, मुंगेर और समस्तीपुर में पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्याओं के बाद प्रशासन ने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी है. इसी का परिणाम है कि राज्य भर में एनकाउंटर की घटनाएं बढ़ गई हैं, खासकर राजधानी पटना में जहां बीते 24 घंटों में चार मुठभेड़ दर्ज की गई हैं. पुलिस प्रशासन का यह बदला हुआ तेवर अपराधियों के मन में डर पैदा कर रहा है और यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाया जाएगा.
दानापुर में मुठभेड़: अपराधी विवेक घायल, पुलिस को मिला हथियार
पटना के दानापुर में हाल ही में पुलिस और एक अपराधी के बीच हुई मुठभेड़ ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. इस मुठभेड़ में कई राउंड गोलियां चलीं और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विवेक नामक अपराधी घायल हो गया. घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्टल और आधा दर्जन से अधिक खाली कारतूस के खोखे बरामद किए हैं.
विवेक की गिरफ्तारी और हत्याकांड से जुड़ाव
इस मुठभेड़ के पीछे की कहानी 13 जून की है, जब दानापुर में दिनदहाड़े श्रवण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस जघन्य हत्या का आरोप विवेक पर लगा था. घटना के बाद विवेक ने दानापुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था. सुरक्षा कारणों से उसे नौबतपुर थाने में रखा गया था.
पुलिस पूछताछ के दौरान विवेक ने स्वीकार किया कि उसने हत्या में इस्तेमाल किया हथियार दानापुर थाना क्षेत्र के सीढ़ी घाट इलाके में छिपा रखा है. इस महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर पुलिस विवेक को लेकर हथियार बरामदगी के लिए बताए गए स्थान पर पहुंची.
पुलिस पर हमला और जवाबी कार्रवाई
हथियार बरामदगी की प्रक्रिया के दौरान, आरोप है कि आरोपी विवेक अचानक आक्रामक हो गया. उसने अपनी छिपी हुई पिस्टल निकाली और पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. यह वही हथियार था जिससे उसने श्रवण कुमार की हत्या की थी. अपराधियों के इस दुस्साहस का पुलिस ने भी तुरंत जवाब दिया. आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें विवेक के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया.
यह पूरी कार्रवाई एसएसपी पटना अवकाश कुमार के नेतृत्व में की गई, जिसमें दानापुर एएसपी भानु प्रताप, थाना अध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज सहित कई पुलिसकर्मी शामिल थे. घटना के बाद घायल विवेक को पहले दानापुर अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया.
घटनास्थल से बरामदगी और एसएसपी का बयान
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने एक पिस्टल और लगभग आधा दर्जन गोली के खोखे बरामद किए हैं. एसएसपी पटना अवकाश कुमार ने घटना के संबंध में बताया, “आरोपी की ओर से लगभग तीन से चार राउंड फायरिंग की गई थी. पुलिस की तरफ से भी गोली चलाई गई, जिसमें अपराधी विवेक को पैर में गोली लगी है. फिलहाल पुलिस द्वारा चलाई गई गोली की गणना की जा रही है. फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.”
बिहार पुलिस का नया संकल्प: “गोली का जवाब गोली से मिलेगा”
हाल ही में बिहार में हुई चार मुठभेड़ों ने पुलिस के बदले तेवरों को स्पष्ट कर दिया है. 12 जून को हाजीपुर में एक एनकाउंटर हुआ, उसके बाद 13 जून को पटना, मुजफ्फरपुर और फिर देर रात पटना में एक और एनकाउंटर की घटना हुई. पटना में हुई मुठभेड़ के बाद एसएसपी अवकाश कुमार ने एक बड़ा बयान दिया है, जो बिहार पुलिस के नए संकल्प को दर्शाता है. उन्होंने कहा, “अगर कोई अपराधी पुलिस पर गोली चलाएगा तो आत्मरक्षा में गोली का जवाब गोली से मिलेगा.”
यह बयान बिहार पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की ओर से एक स्पष्ट चेतावनी है कि अब अपराधियों के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी. पुलिसकर्मियों पर हमले या कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाले किसी भी कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. यह बदली हुई रणनीति राज्य में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने और आम जनता में सुरक्षा का माहौल बनाने में कितनी सफल होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
क्या आपको लगता है कि पुलिस की यह सख्त कार्रवाई राज्य में अपराध को कम करने में प्रभावी होगी?
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