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बिहार के सहरसा जिले के बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पटोरी पंचायत के वार्ड संख्या-2 से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। दिल्ली में रहकर मेहनत-मजदूरी करने वाला 22 वर्षीय युवक शंकर महतो अपने गांव दादी के श्राद्ध संस्कार में शामिल होने के लिए घर आया था, लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उसकी अंतिम यात्रा बन जाएगी। गुरुवार देर शाम करंट लगने से उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान रामचंद्र महतो के पुत्र शंकर महतो के रूप में हुई है। वह दिल्ली में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करता था। हाल ही में वह अपने गांव लौटा था, जहां उसकी दादी का श्राद्धकर्म आयोजित किया गया था। घर में सबकुछ सामान्य चल रहा था और शंकर अपने परिजनों से मिलकर खुश था। लेकिन इस खुशी के माहौल को एक झटके में मातम में बदलते देर नहीं लगी।

परिजनों के अनुसार, गुरुवार की शाम शंकर ने यह कहकर घर के अंदर प्रवेश किया कि वह खाना निकालने जा रहा है। गर्मी बहुत अधिक थी, इसलिए वह पंखे में बिजली का कनेक्शन देने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आ गया और जोर से झटका लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा।

परिवार वालों ने देखा कि शंकर काफी देर तक बाहर नहीं आया, तो वे उसे देखने अंदर पहुंचे। वहां का दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए। शंकर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था। आनन-फानन में परिजन उसे उठाकर बिहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की खबर सुनते ही परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा।

मां-बाप, भाई-बहन और अन्य रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। युवक की असमय मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। गांव में भी मातम पसर गया है। लोगों का कहना है कि शंकर बेहद मेहनती और मिलनसार युवक था। गांव में वह हमेशा सभी से प्रेम से मिलता था। उसकी मौत की खबर जिसने भी सुनी, आंखें नम हो गईं।

इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लंबे समय से बिजली आपूर्ति की स्थिति बहुत ही खराब है। कहीं नंगे तार लटके हैं, तो कहीं कनेक्शन की सही व्यवस्था नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय रहते बिजली विभाग ने सुरक्षा और सुधार के उपाय किए होते, तो आज शंकर जिंदा होता।

गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने संयुक्त रूप से प्रशासन से मांग की है कि बिजली व्यवस्था की तत्काल समीक्षा की जाए और जहां-जहां सुरक्षा में लापरवाही है, वहां सुधार कराया जाए। इसके साथ ही मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी मुआवजा देने की भी मांग की जा रही है।

फिलहाल घटना की सूचना पाकर बिहरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और परिवार के बयान दर्ज किए गए हैं।

यह घटना ना सिर्फ एक परिवार की पीड़ा है, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक चेतावनी है कि बिजली जैसे बुनियादी संसाधनों की अनदेखी और लापरवाही कभी-कभी कितनी भारी पड़ सकती है। प्रशासन और संबंधित विभागों को इस हादसे से सबक लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

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By admin

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