गया (बिहार): राहुल गांधी शुक्रवार को बिहार दौरे पर ‘भारत जोड़ो न्याया यात्रा’ के तहत गया पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां राज्यभर से आई सैकड़ों महिलाओं ने उनसे अपने सवाल साझा किए। लेकिन इस कार्यक्रम का सबसे भावुक और प्रेरणादायक क्षण तब आया, जब ‘पैड गर्ल’ के नाम से मशहूर रिया पासवान मंच पर पहुंची और राहुल गांधी के सामने अपनी बात रखी।
रिया पासवान की बेबाक बातें सुनकर राहुल गांधी भी मुस्कुरा दिए और खड़े होकर पूरे ध्यान से उसकी बात सुनी। रिया ने मंच से कहा, “मैं भी आपकी तरह शादी नहीं करूंगी, मुझे भी आपकी तरह एक अच्छा नेता बनना है।” इस पर राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम बहुत अच्छा भाषण देती हो।” रिया की बातें सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत किया।
कौन है रिया पासवान?
रिया पासवान पटना के स्लम एरिया की रहने वाली एक सामान्य परिवार की लड़की है, लेकिन उसकी सोच असाधारण है। रिया को लोग ‘पैड गर्ल’ के नाम से इसलिए जानते हैं, क्योंकि साल 2022 में वह एक कार्यक्रम में उठाए गए सवाल से चर्चाओं में आ गई थी। दरअसल, पटना में ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें रिया ने तत्कालीन महिला विकास निगम की एमडी, IAS हरजोत कौर बम्हरा से एक साहसी सवाल पूछा था।
रिया ने पूछा था, “जब सरकार हमें स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति और साइकिल देती है, तो क्या सैनिटरी पैड नहीं दे सकती, जिसकी कीमत महज 20-30 रुपये होती है?” यह सवाल सुनकर वहां मौजूद छात्र-छात्राओं ने तालियों से उसका समर्थन किया, लेकिन अधिकारी नाराज़ हो गईं।
‘पाकिस्तान चले जाओ’ जैसा जवाब
IAS अधिकारी ने जवाब देते हुए कहा था, “अगर सरकार आपको सैनिटरी पैड देगी, फिर कल जींस-टॉप, परसों सुंदर जूते और फिर शायद परिवार नियोजन के साधन भी मुफ्त देने पड़ेंगे।” उन्होंने आगे यह भी कह दिया, “ये मूर्खता है, अगर आप इतनी मांग कर रहे हैं तो वोट मत दो और पाकिस्तान चले जाओ।”
यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और हरजोत कौर को सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी। वहीं, रिया पासवान एक नई पहचान के साथ लोगों के सामने आई। लोग उसे ‘पैड गर्ल’ कहकर पुकारने लगे।
सोशल मीडिया पर मिली पहचान
रिया ने राहुल गांधी से बातचीत के दौरान बताया कि उस घटना के बाद वह सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हो गई। आज उसके इंस्टाग्राम पर 50 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उसने बताया कि कैसे एक स्लम बस्ती में रहते हुए भी उसने आवाज उठाई और बदलाव की शुरुआत की।
स्लम की सच्चाई और संघर्ष
रिया पासवान ने राहुल गांधी को बताया कि वह पटना के जिस स्लम इलाके में रहती हैं, वहां से मौर्यलोक, नगर निगम, इस्कॉन मंदिर और पटना जंक्शन जैसे प्रमुख स्थल महज 2 मिनट की दूरी पर हैं। बावजूद इसके उनके क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलतीं।
रिया ने कहा, “हमारे स्लम एरिया में नशाखोरी आम बात है। कई बार छोटी बच्चियां लापता हो जाती हैं। एक तीन साल की बच्ची के लापता होने के बाद हमने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई और लगातार धरना-प्रदर्शन किया, तब जाकर वहां एक पुलिस चौकी खुल पाई।”
शिक्षा और स्वाभिमान की प्रेरक कहानी
रिया ने मंच पर बताया कि सैनिटरी पैड मामले के बाद दिल्ली की पैन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ चिराग पान ने न केवल उन्हें एक साल तक मुफ्त सैनिटरी पैड देने का वादा किया, बल्कि ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्च भी उठाने की घोषणा की।
रिया की कहानी एक ऐसे भारत की तस्वीर पेश करती है, जहां एक स्लम एरिया की लड़की भी अपने हक के लिए आवाज़ उठाती है और न सिर्फ अधिकारी को जवाब देती है, बल्कि बदलाव की प्रेरणा भी बनती है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
रिया की पूरी कहानी सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “तुम बहुत अच्छा बोलती हो और बहुत हिम्मतवाली लड़की हो।” उन्होंने उसे आगे बढ़ने और समाज की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मौजूद अन्य महिलाओं ने भी रिया की सराहना की और कहा कि वह बिहार की बेटियों के लिए एक मिसाल हैं।
निष्कर्ष
रिया पासवान सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि बदलाव की प्रतीक बन चुकी है। उसकी आवाज़ ने यह साबित किया है कि जब एक लड़की हिम्मत से बोलती है, तो न केवल समाज की सोच बदलती है, बल्कि सत्ता को भी जवाब देना पड़ता है। अब रिया का सपना है कि वह एक जिम्मेदार और प्रेरक नेता बने — और उसकी यह यात्रा अभी शुरू ही हुई है।
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