बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र गया जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया है। जिले के लुटुआ थाना क्षेत्र के असुराइन डैम के पास नक्सलियों द्वारा छुपाकर रखे गए करीब 10 किलोग्राम वजनी प्रेशर मैकेनिज्म आईईडी (विस्फोटक) को पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने बरामद कर सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया। माना जा रहा है कि नक्सली इस विस्फोटक का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को निशाना बनाने या चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए करने वाले थे।

गुप्त सूचना पर हुई त्वरित कार्रवाई

गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आनंद कुमार को 11 अक्टूबर को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने असुराइन डैम के आसपास विस्फोटक सामग्री छुपा रखी है। सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। उनके आदेश पर सिटी एसपी रामानंद कुमार कौशल और इमामगंज एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष संयुक्त टीम गठित की गई। इस टीम में सीआरपीएफ, एसटीएफ और लुटुआ थाना पुलिस के अधिकारी व जवान शामिल थे।

सुरक्षा बलों का सघन तलाशी अभियान

निर्देश मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने असुराइन डैम और आसपास के जंगल क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान उन्हें झाड़ियों में छिपाकर रखा गया एक संदिग्ध कंटेनर मिला। जांच करने पर पता चला कि उसमें करीब 10 किलोग्राम प्रेशर मैकेनिज्म आईईडी लगाया गया है। टीम ने तुरंत 215 डी बटालियन सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते को बुलाया, जिन्होंने मौके पर ही पूरी सावधानी के साथ विस्फोटक को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय (डिफ्यूज) कर दिया।

बड़ी वारदात को टालने में मिली सफलता

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सली इस आईईडी के जरिए सुरक्षा बलों को भारी नुकसान पहुंचाने या आगामी विधानसभा चुनाव में किसी चरण के दौरान दहशत फैलाने की फिराक में थे। हालांकि, सुरक्षा बलों की सतर्कता और तेज कार्रवाई ने नक्सलियों की मंशा पर पानी फेर दिया। यह बरामदगी उस समय हुई है जब चुनावी गतिविधियाँ जोरों पर हैं, ऐसे में यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।

एफआईआर दर्ज, तलाशी अभियान जारी

बरामदगी के बाद पुलिस ने लुटुआ थाने में मामला दर्ज किया है और आसपास के इलाकों में नक्सलियों की संभावित गतिविधियों की जांच के लिए सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। सीआरपीएफ, एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीमें इलाके के जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं ताकि किसी भी अन्य छिपे विस्फोटक या नक्सली ठिकानों का पता लगाया जा सके।

प्रेशर आईईडी का खतरा

सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, प्रेशर मैकेनिज्म आईईडी अत्यंत खतरनाक होते हैं। इन्हें आम तौर पर सड़कों, जंगलों या सुरक्षा बलों की गश्ती मार्गों पर इस तरह लगाया जाता है कि जैसे ही कोई वाहन या व्यक्ति उस पर दबाव डालता है, विस्फोट हो जाता है। हाल के वर्षों में नक्सली इन्हें सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, आधुनिक तकनीक और सतर्कता की वजह से सुरक्षा बल अब इन खतरों को पहले ही पहचानकर निष्क्रिय करने में सफल हो रहे हैं।

एसएसपी आनंद कुमार का बयान

गया के एसएसपी आनंद कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा —

> “नक्सलियों द्वारा आईईडी छुपाकर रखने की जानकारी मिलने के बाद हमने तुरंत विशेष टीम का गठन किया। सीआरपीएफ, एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान करीब 10 किलोग्राम का प्रेशर मैकेनिज्म आईईडी बरामद हुआ, जिसे बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है और सर्च ऑपरेशन लगातार चल रहा है।”

एसएसपी ने सुरक्षा बलों की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्रवाई से एक बड़ी घटना टल गई है और आने वाले चुनावों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जा रही है।

सुरक्षा एजेंसियों की सजगता से नाकाम हुई नक्सली साजिश

इस सफलता ने गया जिला पुलिस, सीआरपीएफ और एसटीएफ के समन्वय को एक बार फिर साबित कर दिया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जहां नक्सल गतिविधियों में इजाफा देखा जा रहा है, वहीं इस कार्रवाई ने नक्सलियों को करारा जवाब दिया है। प्रशासन ने आसपास के सभी इलाकों में सतर्कता बढ़ाने और गश्ती दलों की संख्या में वृद्धि करने का निर्देश दिया है।

 

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