गोपालपुर, इस्माईलपुर-बिंद टोली: क्षेत्र में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में चिंता का माहौल बन गया है। सोमवार की शाम को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 31.60 मीटर से 74 सेंटीमीटर ऊपर 32.34 मीटर पर बह रही थी। जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण इस्माईलपुर-बिंद टोली के विभिन्न स्परों और तटबंधों पर भारी दबाव देखा गया है। हालांकि प्रशासन की ओर से फिलहाल सभी स्परों और तटबंधों को सुरक्षित बताया गया है।
गंगा नदी के जलस्तर में यह बढ़ोतरी बीते कुछ दिनों की लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले पानी के कारण हुई है। लगातार बढ़ते पानी के कारण निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका बनी हुई है। कुछ स्थानों पर कटाव भी शुरू हो चुका है, जिसे रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम लगातार निरीक्षण कर रही है।
प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है और स्परों पर इंजीनियरों की टीमों को तैनात कर दिया गया है। बिंद टोली और इस्माईलपुर के स्थानीय लोगों को अलर्ट किया गया है कि वे तटवर्ती क्षेत्रों में अत्यधिक सतर्क रहें। संभावित जलभराव वाले इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। राहत और बचाव दल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
इसी तरह मदरौनी क्षेत्र में कोसी नदी भी चेतावनी स्तर पार कर चुकी है। कोसी का जलस्तर सोमवार को चेतावनी स्तर 30.48 मीटर से 25 सेंटीमीटर ऊपर यानी 30.73 मीटर पर बह रही थी। कोसी नदी की यह स्थिति भी स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि कोसी का मिजाज अप्रत्याशित और विनाशकारी माना जाता है।
कोसी नदी के आसपास बसे गांवों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए नावों की व्यवस्था, ऊंचे स्थानों की पहचान और आवश्यक सामानों की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण चौकियों को एक्टिव कर दिया गया है और बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा लगातार की जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रही, तो प्रभावित क्षेत्रों में राहत कैंप स्थापित करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा सकती है। वहीं, आम जनता से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।
बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ग्रामीणों से भी अनुरोध किया गया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, पशुधन की देखभाल करें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
गंगा और कोसी दोनों नदियों की स्थिति पर नजर बनाए रखना न केवल प्रशासन बल्कि आम लोगों के लिए भी जरूरी है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में जान-माल का नुकसान कम से कम हो सके।
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