गंगागंगा




भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर दियारा स्थित गंगा घाट पर शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। इस घटना में गोरेलाल मंडल की 8 वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी की गंगा में डूबने से मौत हो गई। मासूम सोनाली कलश यात्रा के दौरान गंगा स्नान कर रही थी, तभी यह हादसा हुआ।

गंगा


घटना उस समय की है जब मोहनपुर बड़ी धाम में अष्टयाम कार्यक्रम के तहत कलश यात्रा का आयोजन किया गया था। परंपरागत रूप से महिलाएं और बच्चे गंगा घाट पर जल भरने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान सोनाली भी अपने परिजनों के साथ घाट पर आई थी। बताया गया कि कलश में जल भरने से पहले वह गंगा स्नान करने लगी। स्नान करते वक्त वह धीरे-धीरे गहरे पानी की ओर चली गई और डूब गई।

घटना के समय घाट पर मौजूद अन्य लोगों को यह समझ नहीं आया कि सोनाली कब पानी में समा गई। जब काफी देर तक वह नजर नहीं आई तो उसके परिजन चिंतित हो उठे। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद परिजनों ने एकचारी थाना को सूचना दी।

सूचना मिलते ही एकचारी थानाध्यक्ष दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। तुरंत ही एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। स्थानीय गोताखोरों और नाविकों की मदद से खोजबीन शुरू की गई। लगभग दो घंटे की लगातार कोशिशों के बाद सोनाली का शव घाट से करीब 200 मीटर दूर पानी में तैरता हुआ बरामद किया गया।

जैसे ही सोनाली का शव मिला, पूरे गांव में मातम पसर गया। मृत बच्ची की मां और अन्य परिजन शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। आस-पास के लोग भी इस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि सोनाली एक होनहार और चंचल बच्ची थी। गांव में कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम होता था तो वह सबसे आगे रहती थी।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

इस घटना ने एक बार फिर गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। घाट पर न तो किसी प्रकार की चेतावनी बोर्ड था और न ही कोई सुरक्षाकर्मी या जीवन रक्षक उपकरण। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गंगा घाटों पर सुरक्षा के उचित इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की हृदयविदारक घटनाओं से बचा जा सके।

घटना के बाद मोहनपुर और आस-पास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई है। अष्टयाम का माहौल अब पूरी तरह शोक सभा में तब्दील हो चुका है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और प्रशासन से मुआवजे की मांग की।

इस दुःखद हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और मासूम सोनाली की असमय मौत ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और सतर्कता कितनी जरूरी है।

 

 

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By admin

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